211 हिन्दी स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम में बदला
अंग्रेजी माध्यम में बदलने के आदेश दिए
राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
जयपुर। राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अभिभावकों का रुझान भी प्राइवेट स्कूलों की बजाए इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तरफ तेजी से बढ़ा है। इन स्कूलों में आवेदनों की संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने राज्य के 211 हिन्दी माध्यम के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने के आदेश दिए हैं।
विभाग में नए सेक्शन
महात्मा गांधी स्कूल का संचालन अच्छे तरीके से करने के लिए शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों निदेशालय और संभाग मुख्यालयों पर नए पद सृजित किए हैं। शिक्षा निदेशालय में अब उप निदेशक और सहायक निदेशक का पद अलग से दिया है, जो राज्य के महात्मा गांधी स्कूलों की व्यवस्था देखेंगे। वहीं संभाग में भी ऐसे ही पद होंगे। जिलों में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी का एक पद दिया गया है।
अंग्रेजी स्कूलों का क्रेज सबसे अधिक
शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी स्कूलों का क्रेज ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विरोध भी हुआ। इसलिए इस बार शहरी क्षेत्र में ही ज्यादातर स्कूल खोले गए हैं। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में भी कस्बों में महात्मा गांधी स्कूल खोले गए हैं। जयपुर में सर्वाधिक 40 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील किया गया है, जबकि अलवर में 15, बाड़मेर में 5, बारां में 3, भरतपुर में 15, बीकानेर में 12, चित्तौड़गढ़ में 10, चूरू में 10, दौसा में 15, धौलपुर में 3, डूंगरपुर में एक, हनुमानगढ़ में 16, जालौर में एक, झुंझुनू में 13, जोधपुर में 13, करौली में 5, कोटा में एक, नागौर में 5, राजसमंद में तीन, गंगानगर में एक, सीकर में 7, सिरोही में एक, टोंक में 5 और अजमेर में 5 स्कूलों को रूपांतरित किया गया है।
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