मिशन 26/11 : कहीं 26 या 11 लोगों की टीम तो नहीं!
चूंकि बाइक-स्कूटी के नंबर 2611 व 1226, घाव किए 26 यानी 26 हिडन कोड
उदयपुर। उदयपुर में कन्हैयालाल साहू हत्याकांड का कनेक्शन मुंबई हमले 26/11 से पुष्ट होता जा रहा है। चूंकि आतंकी रियाज की बाइक का नंबर 2611 था तो आतंकी गौस मोहम्मद की स्कूटी का नंबर भी 1226 है। इतना ही नहीं, साहू की 26 जून से ही रैकी जा रही थी तो उसे घाव भी 26 ही दिए गए थे। ऐसे में अब एसआईटी को यह आशंका है कि कहीं इस आतंकी घटना में 26 या 11 लोगों की टीम तो शामिल नहीं थी।
उदयपुर। उदयपुर में कन्हैयालाल साहू हत्याकांड का कनेक्शन मुंबई हमले 26/11 से पुष्ट होता जा रहा है। चूंकि आतंकी रियाज की बाइक का नंबर 2611 था तो आतंकी गौस मोहम्मद की स्कूटी का नंबर भी 1226 है। इतना ही नहीं, साहू की 26 जून से ही रैकी जा रही थी तो उसे घाव भी 26 ही दिए गए थे। ऐसे में अब एसआईटी को यह आशंका है कि कहीं इस आतंकी घटना में 26 या 11 लोगों की टीम तो शामिल नहीं थी।
सूत्रों ने बताया कि जिस प्रकार एक के बाद गिरफ्तारियां हो रही है और जांच आगे बढ़ रही है, उससे तो यह प्रतीत होता है कि हो सकता है कि इसमें 26 या 11 महिला-पुरुष भी शामिल हो। उल्लेखनीय है कि अब तक इस हत्याकांड में पांच की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें रियाज, गौस, मोहसीन, आसिफ व एक अन्य शामिल हैं। रियाज व गौस नेपाल के रास्ते कराची से ट्रेनिंग लेकर आए थे। गौस, पाकिस्तानी आतंकी सलमान हैदर व अबू इब्राहिम के संपर्क में था। दोनों आतंकी इस्लामिक धर्मोपदेशक जाकिर नाईक के लिट्रेचर पढ़ते थे एवं दावत-ए-इस्लाम से शिक्षा के नाम पर फंडिंग जनरेट करते थे।
पाक से आकाओं ने दिया था मर्डर प्लान
सूत्रों के अनुसार हत्याकांड में आतंकी रियाज व गौस को पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से मर्डर और बैक-अप प्लान दिए गए थे। इतना ही नहीं कि इस प्लान में किस तरह हत्या करनी है, इस संबंध में भी दिशा-निर्देश थे। उनके आकाओं के आदेशानुसार आतंकी रियाज ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया तो आतंकी गौस ने इसका वीडियो बनाया। उसके बाद सापेटिया स्थित एसके इंजीनियर वर्क्स पहुंच कर इस वीडियो को सोशल मीडिया से आकाओं को भी भेजा। इस वीडियो को वायरल करने के बाद एसआईटी ने पाकिस्तान के आतंकी सलमान हैदर व अबू इब्राहिम से आतंकी रियाज व गौस का कनेक्शन जोड़ा है।
बढ़ेगा स्लीपर सेल पर शिकंजा
सुरक्षा जांच एजेंसियों की मानें तो आतंकी रियाज और गौस के साथ संपर्क में रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है तथा उनका मामले से कनेक्शन टटोला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो अब इन दोनों आतंकियों के संपर्क में रहने वाले स्लीपर सेल पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है क्योंकि गौस इन्ही स्लीपर सेल को लिट्रेचर भेजने का कार्य करता था तथा फंडिंग को लेकर भी इसकी भूमिका सक्रिय थी। इसी तरह दोनों आतंकियों द्वारा बनाए गए सोशल मीडिया की भी गहनता से जांच हो रही है।
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