सपनों के आशियाने को लगी महंगाई की नजर

पिछले दस माह में तीस फीसदी बढ़ गई निर्माण लागत: बजरी, मार्बल, सरिया, मजदूरी सब कुछ हो गया महंगा,

सपनों के आशियाने को लगी महंगाई की नजर

मकान निर्माण सामग्री के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आमजन का बजट गड़बड़ा दिया है। बजरी की अवैध यूनियन वालों और के्रशर संचालकों ने बजरी व गिट्टी के दाम बढ़ा दिए हैं, वहीं अब सरिये के भाव भी आसमान छू रहे हैं।

कोटा। लगातार बढ़ रही महंगाई ने हर वर्ग को बेहाल कर रखा है। ऐसे में बढ़ती महंगाई ने कई लोगों का अपना आशियाना बनाने का सपना अधरझूल में डाल दिया है। मकान निर्माण सामग्री के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने आमजन का बजट गड़बड़ा दिया है। बजरी की अवैध यूनियन वालों और के्रशर संचालकों ने बजरी व गिट्टी के दाम बढ़ा दिए हैं, वहीं अब सरिये के भाव भी आसमान छू रहे हैं। ऐसे मेें पिछले 8-9 माह के बीच जिनके मकान निर्माणाधीन है उनका बजट गड़बड़ा गया है। जो लोग मकान की नींव रखने की तैयारी में थे वे भी परेशानी में हैं। वर्ष 2019 के बाद से ईंट, मार्बल, सेनेट्री व सीमेंट के भावों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। दो साल में मार्बल के भाव 60 प्रतिशत और सेनेट्री व ईंट के 40 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। ऐसे में वर्ष 2019 के मुकाबले मकान निर्माण 25-30 प्रतिशत महंगा हो चुका है। लगातार महंगे हो रहे कंस्ट्रक्शन बिजनेस से हताश कई ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया है। इसके चलते शहर में कई जगह निर्माण कार्य ठप है।

पीओपी व टाइल्स का खर्च बढ़ा
सेनेट्री आइटम और लाइट फिटिंग के काम में तेजी आई है। वायर और बोर्ड की कीमतों में 25 प्रतिशत की बढ़ातेरी हुई है। इसके अलावा वुडन के काम और टाइल्स की दरें बढ़ी है। पीओपी की दरों में भी इजाफा हुआ है। दो साल में फैंसी आइटम के भावों में 22 से 30 प्रतिशत की बढ़ातेरी हुई है। इसमें पंखे, टयूबलाइट, एलईडी ब्लब, स्वीच, फैंसी लाइट, गीजर, नल, मिक्सर व वॉश बेसिन आदि शामिल है।

धीरे-धीरे बढ़ते गए भाव
दरअसल कोरोनाकाल के बाद निर्माण से जुड़ी प्रत्येक सामग्री महंगी होने लगी है। बीते 10 माह में तो धीरे-धीरे भाव इतने बढ़ चुके हैं कि आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुके हैं। सरिये के भाव 32 से 40 रुपए प्रति किलो बढ़ चुके हैं। वहीं दो साल पहले 6500 रुपए में आने वाला बजरी का 10 चक्के वाला डम्पर अब 15 हजार रुपए में आ रहा है। प्रति हजार र्इंट के भाव भी 300 रुपए बढ़ गए हैं। कारीगर और मजदूरों ने भी अपना मेहनताना बढ़ा दिया है। 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी लेने वाले श्रमिक अब 700-800 रुपए और 900 रुपए लेने वाले कारीगर अब 1100 रुपए ले रहे हैं। इसके चलते वर्ष 2019 में मकान का काम 1000 से 1200 रुपए प्रति स्क्वेयर फुट के हिसाब से होता था, वह अब 1500 से 1600 रुपए तक पहुंच चुका है।

कोरोनाकाल के बाद निर्माण की हर चीज महंगी
सामग्री         2019                             2022
सरिया           30-40 रुपए/किलो       80-85 रुपए/किलो
सीमेंट         290-319 रुपए/बैग      350-360 रुपए/बैग
ईंट          4.50-5.50 रुपए/नग       7.50 रुपए/नग
बजरी           6500 रुपए/डंपर       15000 रुपए/डंपर
वॉटर टैंक     450 रुपए/टैंक                 800-900 रुपए/टैंक
मार्बल        25-30 रु. प्रति वर्गफीट     40-45 रु. प्रति टैंक

वर्ष 2019: 25 गुना 50 यानी 1250 वर्गफुट साइज के मकान के निर्माण की दर 1215 रुपए प्रति वर्गफुट थी। उस समय पूरा मकान लगभग 15 लाख से अधिक में बन जाता था।

वर्ष 2022: अब 25 गुना 50 गज साइज के मकान निर्माण की दर 1600 रुपए प्रति वर्गफुट हो गई है। अब पूरा निर्माण लगभग 20 लाख रुपए में होगा। तीन साल में ही निर्माण खर्च पांच लाख तक बढ़ गया है। 

भवन निर्माण का काम करने वाले ठेकेदारों के लिए मुनाफा निकालना तक मुश्किल हो गया है। भवन निर्माण की दरें पहले ही तय हो जाती है। सामग्री की कीमत बढ़ने पर हम भवन मालिक से तय से ज्यादा नहीं वसूल सकते। ऐसे में नुकसान हमें ही झेलना पड़ता है। पहले तो मार्जन 12 से 15 प्रतिशत के बीच था वो मात्र 6 से 7 प्रतिशत के बीच रह गया है।-भगवान सिंह, ठेकेदार, जया कंस्ट्रक्शन

 निर्माण सामग्री के दामों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इससे नए मकान बनाने की लागत भी बढ़ती जा रही है। सरिये और सीमेंट के दामों में पिछले तीन साल में काफी बढ़ोतरी हुई है। मकान निर्माण में सबसे ज्यादा उपयोग इन दोनों सामग्रियों का होता है। कोरोना से पहले इनके दाम काफी कम थे। बाद में इनमें दामों में काफी तेजी से इजाफा होता चला गया। -रामगोपाल गुप्ता, सरिया व सीमेंट व्यापारी

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