तेल का खेल भूल अब तीर्थयात्रा से नगदी कमाने में जुटा सऊदी

2015 में सऊदी ने लॉन्च किया मिशन तीर्थयात्रा

तेल का खेल भूल अब तीर्थयात्रा से नगदी कमाने में जुटा सऊदी

रियाद। सऊदी अरब तेल ने तेल के जरिए अपने खजाने में खरबों डॉलर जोड़े हैं। इसके बावजूद सऊदी सरकार को यह आशंका है कि यह एक ऐसा संसाधन है जो किसी दिन समाप्त हो जाएगा। यही कारण है कि यह अमीर देश अब कमाई के वैकल्पिक साधनों की तरफ ध्यान केंद्रित कर रहा है।

रियाद। सऊदी अरब तेल ने तेल के जरिए अपने खजाने में खरबों डॉलर जोड़े हैं। इसके बावजूद सऊदी सरकार को यह आशंका है कि यह एक ऐसा संसाधन है जो किसी दिन समाप्त हो जाएगा। यही कारण है कि यह अमीर देश अब कमाई के वैकल्पिक साधनों की तरफ ध्यान केंद्रित कर रहा है। मौजूदा समय में तेल की उच्च कीमतों के बावजूद सऊदी अरब यह जानता है कि दुनिया वैकल्पिक ऊर्जा की ओर तेजी से मुड़ रही है। ऐसे में सऊदी प्रशासन ने भविष्य के लिए राजस्व के अपने स्रोतों में विविधता लाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। उन स्रोतों में से एक तीर्थयात्रा है, जिस पर पूरी तरह से सऊदी अरब का एकाधिकार है। इस्लाम के दो सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल मक्का और मदीना सऊदी अरब में हैं और दुनियाभर के करी दो अरब मुसलमान अपनी पूरी जिंदगी में एक न एक बार इन दोनों जगहों की यात्रा जरूर करना चाहते हैं।

2015 में सऊदी ने लॉन्च किया मिशन तीर्थयात्रा
2015 में किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज के सत्ता में आने के तुरंत बाद सऊदी अरब ने मक्का में ग्रैंड मस्जिद का विस्तार करने के लिए 21 बिलियन डॉलर की परियोजना शुरू की थी। इसके जरिए मस्जिद में 300000 अतिरिक्त श्रद्धालुओं को समायोजित किया जाना था। इसके एक साल बाद तत्कालीन डिप्टी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने तीर्थयात्रा को 2030 तक सऊदी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की योजना के एक प्रमुख घटक के रूप में पहचान दी। बहरीन के डेरासैट थिंक टैंक के डॉयरेक्टर आॅफ रिसर्च उमर अल-उबैदली ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के विपरीत हज और उमराह के क्षेत्र में सऊदी अरब को एकाधिकार प्राप्त है।

10 लाख मुसलमानों की अगवानी करेगा सऊदी
कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक हज यात्रा करने के लिए दुनिया भर के मुसलमान इस सऊदी अरब पहुंचना शुरू हो गए हैं। यह मुसलमानों के लिए जीवन भर के धार्मिक दायित्व को पूरा करने का अवसर है, लेकिन साथ ही सऊदी अरब के पवित्र शहरों की अर्थव्यवस्था को हैवी बूस्ट मिलने का मौका भी है। कोरोना महामारी के कारण 2020 में सिर्फ सऊदी अरब के 1000 तीर्थ यात्रियों ने ही हज किया था, लेकिन 2021 में यह बढ़कर लगभग 60,000 हो गई थी। लेकिन, इस साल सऊदी ने हज के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह से खोल दिए हैं। ऐसा अनुमान है कि इस साल 10 लाख मुसलमान अलग-अलग देशों से सऊदी अरब पहुंचेंगे।

सऊदी के खजाने की चाबी बनेंगे मक्का-मदीना
विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। सऊदी अरब हर दिन अरबों डॉलर का तेल बेचता है। वहीं, तीर्थयात्रा से होने वाला आर्थिक लाभ तेल की तुलना में बहुत कम है। लेकिन, यह ऐसा क्षेत्र है, जो आने वाले दिनों में सऊदी अरब के खजाने को भरने की चाबी बन सकता है। वॉशिंगटन में अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट के सीनियर स्कॉलर रॉबर्ट मोगिएलनिकी ने कहा कि सऊदी अरब में धार्मिक पर्यटन आने वाले कई दशकों तक तेल और गैस से होने वाली कमाई का मुकाबला नहीं कर सकता है। लेकिन, मक्का और मदीना का धार्मिक महत्व कभी भी खत्म नहीं होगा। ऐसे में ये दोनों शहर सऊदी पर्यटन क्षेत्र के निर्माण और स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं को खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।


तीर्थयात्रा से हर साल अरबों डॉलर कमा रहा सऊदी
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एसोसिएट प्रोफेसर स्टीफन हर्टोग ने बताया कि हज के जरिए सऊदी अरब के पर्यटन के क्षेत्र में विकास की अनगिनत संभावनाएं हैं। तीर्थयात्रियों को अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने या मनोरंजन के लिए आकर्षित किया जा सकता है। उमराह के दौरान भी तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर पर्यटन के बाजार को और मजबूत और साल भर प्रॉफिट देने वाला बनाया जा सकता है।  2018 में मक्का ने पर्यटकों के जरिए 20 बिलियन डॉलर का ट्रांजेक्शन किया था। यहां आंकड़ा दुबई के बाद दूसरे नंबर पर है। सऊदी अरब का तीर्थयात्रा राजस्व औसतन लगभग 30 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष था। तब 2022 तक सउदी के लिए 100,000 रोजगार पैदा करने का अनुमान लगाया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महामारी से पहले हर साल 10-दिवसीय हज और उमराह तीर्थयात्रा के दौरान सऊदी अरब में 2 करोड़ 10 लाख तीर्थयात्री हर साल पहुंचते थे। महामारी के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन सरकार 2030 तक हर साल 3 करोड़ तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने की प्लानिंग कर रही है।

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