लॉयन, टाइगर और पैंथर का शुक्रवार को रहता है व्रत
रोजाना की डाइट 8 किलो मीट, लेकिन एक दिन रहते हैं बिना खाने के
जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव रहवास करते हैं। इनमें से खासकर लॉयन, टाइगर और पैंथर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हैं। वे यहां आकर इनकी अटखेलियां देखकर रोमांचित हो जाते हैं, लेकिन क्या उन्हें पता है कि कैट फैमिली के इन तीनों वन्यजीवों को सप्ताह में एक दिन डाइट नहीं दी जाती यानि कि सप्ताह में एक दिन का इनका उपवास रहता है। बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन के अनुसार लॉयन, टाइगर और पैंथरों को सप्ताह में शुक्रवार का दिन छोड़कर रोजाना खाना दिया जाता। इनमें लॉयन को 8 किलो, टाइगर को 8 किलो और पैंथर को 4 किलो मीट दिया जाता है। हालांकि कोरोना के कारण खासकर मादा शेरनी, बाघिन और पैंथर को शुक्रवार को डाइट में केवल मुर्गा दिया जा रहा है। वहीं इस दिन मेल टाइगर, लॉयन और पैंथर का उपवास रहता है।
एक नवम्बर से बदलेगी वन्यजीवों की डाइट
चिड़ियाघर के डॉ. अशोक तंवर ने बताया कि जू में रहवास कर रहे विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की डाइट में एक नवंबर से बदलाव होगा। सर्द मौसम में मगरमच्छ की डाइट कम कर दी जाती है। इस दौरान मगरमच्छ को जहां डेली डेढ़ किलो मछली दी जाती है वहीं सर्दियों में इनकी डाइट कम कर एक किलो कर दी जाती है।
बिना मशक्कत किए मिलती है डाइट
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जंगल में लॉयन, टाइगर और पैंथर 5 से 7 दिन में एक बार शिकार करते हैं। इस दौरान इन वन्यजीवों की भागदौड़ से अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है। साथ ही इनका डाइजेशन बना रहता है। तो वहीं दूसरी ओर बायोलॉजिकल पार्क और लॉयन सफारी में रहवास कर रहे कैट फैमिली के इन वन्यजीवों को बिना किसी भागादौड़ी के डाइट मिल रही है। इसलिए इन्हें सप्ताह में शुक्रवार को खाना नहीं दिया जाता, ताकि उनका डाइजेशन बना रहे और पेट खराब ना हो।
कैट फैमिली के लॉयन, टाइगर और पैंथर को सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को डाइट नहीं दी जाती। इससे इनका डाइजेशन बना रहता है। लेकिन बाघिन, शेरनी और मादा लेपर्ड को इस दिन डाइट में केवल 2 किलो मुर्गा दिया जाता है। सर्दियों में बायोलॉजिकल पार्क के अधिकतर वन्यजीवों की डाइट में बदलाव होगा।
-बनवारी शर्मा, रेंजर, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
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