बेटियो, कोई छेड़छाड़ करे तो सहन करने के बजाय चप्पल से जवाब दो: डीजीपी लाठर
महिलाओं व युवतियों के लिए अब अपराधियों से डरने का नहीं, साहस दिखाने का समय
अजमेर। पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि कोई पुरुष अगर महिला या युवतियों को छेड़ता है या अत्याचार करता है, तो सिर झुका कर जाने व डरने की जरूरत नहीं, बल्कि पीछे मुड़कर उन्हें चप्पल उठाकर जवाब देना चाहिए। अब समय सहन करने का नहीं साहस दिखाने का है। साहस की वजह से ही हम समाज में बदलाव व महिला अत्याचार में कमी ला सकते हैं। डीजीपी लाठर बुधवार को अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आवाज दो (स्पीकअप) महिला सशक्तीकरण एवं जागरुकता अभियान प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। लाठर ने कहा कि अब महिलाओं व युवतियों को भी साहस दिखाना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कोई कुत्ता या बन्दर आपके पीछे पड़ता और आप भागते हैं, तो वह आपको पकड़ता है। लेकिन आप भागने की जगह पलटकर उसे देखते हैं या किसी चीज से वार करते हैं, तो वह भाग जाता है। उसी तरह कोई अपराधी जब बहनों पर अत्याचार करे, तो बस साहस के साथ चप्पल दिखाने की जरूरत है।
आत्मरक्षा का कौशल विकसित करें
लाठर ने कहा कि पुलिस की ओर से भी महिलाओं में आत्मरक्षा कौशल विकसित करने के लिए आॅनलाइन व पुलिस लाइन में कार्यक्रम चलाए जाते हैं। हमारे ट्रेनर्स महिलाओं को सुरक्षा के गुर सिखाते हैं। जिन महिलाओं व युवतियों को इसका प्रशिक्षण लेना है वह अपना रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं। पुलिस की ओर से ऐसे मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए गए हैं, जो शिक्षण संस्थाओं में भी जाकर छात्राओं को भी प्रशिक्षण देते हैं।
नैतिक मूल्यों में गिरावट मुख्य कारण
लाठर ने कहा कि किसी पुरुष के मन में महिला अत्याचार व दुराचार की मानसिकता पनपती है, तो इसके पूर्व वो रोल रिवर्स (खुद पर हो तो) कर विचार करें, इससे महिला के प्रति अत्याचारों में कमी आ जाएगी। डीजीपी ने कहा कि नैतिक मूल्यों में निरंतर गिरावट भी बढ़ते महिला अत्याचार का कारण है।
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