नए वैरिएंट की चुनौती

नए वैरिएंट की चुनौती

ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट सामने आने से हड़कंप मचा

ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में इस नए वैरिएंट के कारण कोरोना के मामलों में तेजी आई है। ब्रिटेन में तो इस नए वैरिएंट के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कोरोना महामारी की खत्म होती दिख रही जंग को इस नए वैरिएंट ने फिर से चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के बाद अब एशिया में भी कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट फैल रहा है। रूस और इजरायल से डेल्टा स्ट्रेन के एक सब-वैरिएंट के मामले पता चले हैं। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या बीते तीन दिनों से 50 हजार के करीब है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के विकसित रूप की वजह से ऐसा हो रहा है। उनका कहना है कि अगर कोविड-19 का यह रूप जल्द नहीं रोका गया, तो ब्रिटेन में जल्द ही चौथी लहर आ सकती है। ब्रिटेन में पाए गए इस नए कोरोना वैरिएंट का नाम ए वाई.4.2 है। इसे डेल्टा प्लस वैरिएंट भी कहा जा रहा है क्योंकि ये डेल्टा वैरिएंट का ही सब-लीनिएज है। इस वैरिएंट को मूल डेल्टा वैरिएंट से 10 से 15 फीसदी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि अभी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है, मगर इसकी जांच की जा रही हैं। अगर ज्यादा मामले सामने आते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इसे वैरिएंट आॅफ  इंटरेस्ट की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। अगर इसके बावजूद मामले और तेजी से बढ़ते गए तो इसे वैरिएंट आॅफ  कंसर्न की लिस्ट में रखा जाएगा। बहरहाल, भारत में वैसे तो तीसरी लहर की बात चूंकि काफी पहले से की जा रही है, उम्मीद की जानी चाहिए कि कम से कम इस बार हमें इस तरह के बहानों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा कि लहर अप्रत्याशित रूप से तेज थी या यह कि इसकी भयावहता का किसी को अंदाजा नहीं था। हालांकि अभी भी संभावित तीसरी लहर के आने का समय पता नहीं किया जा सका है। यह भी तय नहीं है कि तब तक कोरोना वायरस के कितने और किस-किस तरह के वैरिएंट आ चुके होंगे। उन सब पर वैज्ञानिक बिरादरी लगातार काम कर रही है। लेकिन अच्छी बात यह है कि वायरस के रूप जो भी हों, संक्रमण के उसके तरीकों में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि बचाव के तरीके लगभग वही रहेंगे। यानी दूरी बरतना, लोगों के निकट संपर्क में नहीं आना, मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोते रहना और हां, बारी आने पर वैक्सीन जरूर ले लेना। ये ऐसे उपाय हैं जिन पर सतर्क अमल सुनिश्चित कर हरेक व्यक्ति इस युद्ध में अहम योगदान कर सकता है।

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