बाजार में लक्ष्मी मेहरबान, कारोबार 500 करोड़ पार
त्योहारी सीजन : शुभ मुहूर्त के साथ बम्पर बिक्री, कार, टू-व्हीलर, ई-व्हीकल्स की रिकॉर्ड बिक्री
जयपुर। त्योहारी सीजन में गुरु पुष्य नक्षत्र की शुरुआत के साथ गुरुवार को बाजार में ऑटोमोबाइल सेक्टर में कार, टू-व्हीलर, कमर्शियल व्हीकल और ई-व्हीकल्स की रिकॉर्ड बिक्री हुई। रियल एस्टेट, ज्वैलरी, गारमेंट्स, डेकोरेशन आइटम, होम अप्लायसेंज, होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की खरीदारी की बम्पर शुरुआत हुई। जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि शहर में दिनभर ग्राहकों की रौनक रही। जयपुर में गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त पर पांच सौ करोड़ पार कारोबार से इनकार नहीं किया जा सकता।
मनपसंद कलर, मॉडल मुश्किल
फैडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के राष्टÑीय कोषाध्यक्ष साईं गिरधर ने बताया कि सेमीकंडक्टर (चिप) की तंगी से कंपनियों का उत्पादन प्रभावित है। ऐसे में कई ग्राहकों को मनपसंद कलर और मॉडल मिलना मुश्किल हो रहा है। चिप की कमी अगले साल तक दूर होगी, ग्राहक अपनी पसंद की कार, मॉडल और कलर बुक करवा सकते है।
डिलीवरी और बुकिंग जारी
हिन्दुस्तान हुण्डई के वाइस प्रेसिडेंट केके राय ने बताया कि शोरूम खोलते ही ग्राहक अपने-अपने मुहूर्त के अनुसार डिलीवरी तय समय पर देने के लिए आग्रह करते रहे। ग्राहकों ने डिलीवरी लेने के बाद मंदिर का रूख किया। साथ ही वेडिंग सीजन में ग्राहकों ने नई कार की बुकिंग शुभ मुहूर्त में करवाई।
अमेरिका और सिंगापुर से मिले ऑर्डर
डिजाइनर श्रुति मिश्रा ने बताया कि पहली बार दिवाली पर महालक्ष्मी पूजन, भाईदोज, गोवर्धन के लिए गारमेंट्स डिजाइन किए जा रहे हैं। अमेरिका, सिंगापुर के प्रवासी भारतीयों के ऑर्डर हैं। फैमिली की जयपुर सांगानेरी प्रिंट, चुंदड़ी और बंधेज की डिजाइन के साथ स्पेशल दीपोत्सव के लिए गारमेंट्स तैयार किए जा रहे हैं।
गुरुवार को बिक्री
450 कारें 100 कमर्शियल व्हीकल 1650 टू-व्हीलर
(नोट: सभी वाहनों की अनुमाति
कीमत 135 करोड़ रुपए है)
हाईएंड प्रॉडक्ट्स की मांग अधिक
इलेक्ट्रो प्लाजा के सीएमडी संजीव सुरोलिया ने बताया कि होम अप्लायसेंज में एलईडी प्लाज्मा, क्यूएलईडी तकनीक के मॉडल्स की मांग अधिक है। ग्राहक अपने टीवी, फ्रिज और एसी के पुराने मॉडल को अपग्रेड करने के लिए नए खरीद रहे हैं।
परम्परागत गहनों की मांग अधिक
जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि महिलाएं परम्परागत गहनों को अधिक खरीद रही हैं। बंगड़ी, हथफूल, कमरबंद, गोखरू ज्याद पसंद किए जा रहे हैं। सोने के महंगे दामों ने इनके वजन को हल्का कर दिया है।
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