सीएम ने दिए पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने के संकेत

सीएम ने दिए पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने के संकेत

बोले गहलोत : केन्द्र राज्यों पर दबाव बना रहा है, हम भी प्रयास कर रहे है, देखते हैं कैसे होता है

जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के मामले पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस कारण पहले से ही भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जबरन बहुत अधिक टैक्स लगा लोगों को बहुत लूटा है। अब थोड़ी सी राहत प्रदान की है। केन्द्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स को और कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं प्रधानमंत्री जी को कहा है कि यदि केन्द्र सरकार वैट कम कर राहत देगी तो प्रदेशों में स्वत: ही कीमतें कम हो जायेगी। लेकिन अब जब केन्द्र सरकार राज्य सरकारों पर दबाव बना रही है तो राजस्थान में भी वैट कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं् देखते हैं कैसे क्या होता है।  मुख्यमंत्री गहलोत जालेली फौजदारा में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत शिविर का अवलोकन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैट कम करने से होने वाले नुकसान को राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने संकेत दिए कि राजस्थान जल्दी ही इस बारे में कोई सकारात्मक फैसला करेगी। गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान सरकार पर भाजपा यह दबाव बनाए हुए थी कि सरकार अपने स्तर पर राजस्थान में वैट में कटौती करे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके पक्ष में नहीं थे। आज उन्होंने जब इस वैट कटौती के संकेत दिए तो स्वागत में जोरदार तालियां बजी।

गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र : केन्द्र पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल पर 15 रुपए कम करे एक्साइज ड्यूटी
हम 3500 करोड़ का घाटा वहन करने को तैयार, राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में लगातार की जा रही
कमी वित्तीय संघवाद की भावना के विपरीत

केन्द्र से नहीं मिला राज्य को 5963 करोड़ का जीएसटी पुनर्भरण, वर्ष 2027 तक बढ़ाई जाए पुनर्भरण की अवधि
जयपुर। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है आमजन को पूर्ण राहत देने के लिए कि केन्द्र सरकार पेट्रोल पर 10 रुपए एवं डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर केन्द्रीय पूल की अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी एवं विशेष एक्साइज ड्यूटी को और कम किया जाए। इसके बाद प्रदेश के वैट में भी 3.4 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर तथा 3.9 रुपए प्रति लीटर डीजल पर आनुपातिक रूप से स्वत: ही कम हो जाएंगे। इसके परिणाम स्वरूप राज्य के राजस्व में 3500 करोड़ प्रतिवर्ष की अतिरिक्त  हानि होगी, जिसे जनहित में राज्य सरकार वहन करने के लिए तैयार है।
गहलोत ने तेल कम्पनियों को पेट्रोल-डीजल के मूल्य में निरन्तर वृद्धि पर रोक लगाने के लिए पाबंद करने का भी आग्रह करते हुए कहा कि तेल कम्पनियों द्वारा रोज-रोज की जा रही बढ़ोतरी से केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट सेस का लाभ केवल केन्द्रीय राजस्व को मिल रहा है, जबकि डिविजीबल पूल में आने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी में उत्तरोत्तर कमी की गई है, इससे राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है। राज्यों के हिस्से में लगातार की जा रही कमी वित्तीय संघवाद (फिस्कल फेडरेलिज्म) के सिद्धांतों के विपरीत है।

कुल राजस्व का 22 प्रतिशत पेट्रोल-डीजल से
राजस्थान राज्य के कुल राजस्व का 22 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल-डीजल के वैट से आता है। वैट में कमी के रूप में राजस्थान सरकार 29 जनवरी, 2021 से अब तक लगभग 3 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर तथा 3.8 रुपए प्रति लीटर डीजल पर कम कर चुकी है। इससे राज्य के राजस्व में 2800 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की हानि हो रही है।


अक्टूबर में 20 हजार करोड़ की कमी

कोविड-19 की परिस्थितियों के कारण इस वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में माह अक्टूबर तक 20 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। केन्द्र की ओर से राज्य को 5963 करोड़ का जीएसटी पुनर्भरण उपलब्ध नहीं कराना भी इसका एक बड़ा कारण है। गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि केन्द्र सरकार राज्य की बकाया जीएसटी पुनर्भरण राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए एवं जीएसटी पुनर्भरण की अवधि वर्ष 2027 तक बढ़ाई जाए।

इस साल पेट्रोल 27 और डीजल 25 रुपए महंगा हुआ

कोविड संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान 6 मई 2020 को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए एवं डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। वास्तविकता यह है कि वर्ष 2021 में ही पेट्रोल की कीमत करीब 27 रुपए एवं डीजल की कीमत करीब 25 रुपए बढ़ी। अत्यधिक बढ़ाई गई अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में से केवल कुछ छूट दी गई। ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती अपर्याप्त प्रतीत होती है।

सतीश पूनिया ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र

पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस की राष्टÑीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत को इसके लिए निर्देशित करने की मांग की है ताकि प्रदेश में जनता को राहत मिल सके। कहा है कि प्रदेश में देशभर में सर्वाधिक वैट वसूला जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अब तक चार बार वैट में बढ़ोतरी की है।

सीएम अपरोक्ष एक्साइज ड्यूटी का विरोध कर रहे: राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि सीएम का यह कहना कि प्रदेश में वैट कम करने से 1800 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा, एक तरह से पीएम नरेन्द्र मोदी के एक्साइज ड्यूटी कम करने का अपरोक्ष विरोध है। वे नहीं चाहते जनता को राहत मिले। जनता से वायदा कर सरकार मुकर रही है। जीएसटी के दायरे में लाने का चुनावी वायदे के तहत अब तक यह बात काउंसिल में नहीं उठाई गई है।

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