टूटी आस बिखरते सपने, मौसम के आगे टूटे किसान

बारिश से किसान पर मार,खेतों में काट कर रखी फसलों को हुआ नुकसान

टूटी आस बिखरते सपने, मौसम के आगे टूटे किसान

पिछले 3 दिन से हो रही बरसात के चलते किसानों को अब खड़ी फसल पकी हुई खड़ी हुई है। ऐसे में पौधे को पानी की कम आवश्यकता होती है या बिल्कुल भी नहीं होती परंतु इस मौसम में बरसात होने से फलियां नीचे गिर रही हैं

शाहाबाद। शाहाबाद क्षेत्र में पिछले 2 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस कारण से इस मौसम में जब किसानों की पक्की फसलें खड़ी हुई है। ऐसे में बरसात होने से किसान को नुकसान होने का डर सता रहा है। साथ ही उड़द की फसल खेतों में कटी पड़ी हुई है एवं लेकिन मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण किसान अपनी फसलों को थ्रेसर से निकलवा नहीं पाए। मजबूरी बस खेतों में ही फसलें पड़ी हुई हैं एवं फसल अंकुरित होने लग गई। उड़द की फसल में सबसे अधिक नुकसान किसानों द्वारा बताया जा रहा है। किसान उपाध्यक्ष मोहनसिंह, देवेंद्र शर्मा, बच्चनलाल ओझा दिनेश वैष्णव आदि ने बताया कि फसल उड़द की पकी फसल खड़ी हुई है एवं कई किसानों द्वारा उड़द की फसल की कटाई भी कर दी गई परंतु ऐसे में बरसात होने से किसानों के उड़द की फसल खेतों में ही पड़ी रह गई उसे निकलवा नहीं पाए। जिसके चलते किसानों का नुकसान हुआ है। साथ ही सोयाबीन में भी किसानों द्वारा नुकसान बताया जा रहा है। 

फसलों का अंकुरित होने का लग रहा डर
 पिछले 3 दिन से हो रही बरसात के चलते किसानों को अब खड़ी फसल पकी हुई खड़ी हुई है। ऐसे में पौधे को पानी की कम आवश्यकता होती है यह बिल्कुल भी नहीं होती परंतु इस मौसम में बरसात होने से फलियां नीचे गिर रही हैं तथा जिन किसानों की उड़द की फसल थ्रेसर से निकलकर घर पर नहीं पहुंची। उनका पूरा नुकसान किसानों द्वारा बताया जा रहा है। सोयाबीन की फसल में अब फली अंकुरित होने की संभावना हो गई है साथ में मक्का में भी नुकसान का डर किसान को लगा हुआ है। 

सोयाबीन की फली गलकर गिरने लगी
 वही सोयाबीन की फली जो अधिक बरसात होने से गलकर नीचे गिरने लगी है, क्योंकि फसलें अभी पक्की खड़ी हुई हैं। ऐसे में ज्यादा बरसात होने के कारण फली फूल जाती है और नीचे गिरने लगती है। जिससे किसानों का नुकसान होता है और पैदावार भी कम होती है। अधिक नुकसान होने पर सिर्फ पेड़ ही पेड़ हरा दिखाई देता है। अंदर फलियां की मात्रा नाम मात्र की रह जाती है। 
 
 2021 के खराबे का अभी तक नहीं मिल रहा मुआवजा
तहसील किसान अध्यक्ष कल्याण सिंह मेहता ने बताया कि बारां जिले के सभी किसान  कि खरीफ फसल 2021 के खराबे का मुआवजा व प्रधानमंत्री फसल बीमा कपनीं द्वारा एक वर्ष बाद भी बीमा क्लेम नहीं दिया गया है। खाद की कालाबाजारी आदि भी किसानों के साथ की जाती है। 

इनका कहना है 
अभी उड़द की फसल सबसे अधिक खराब हुई है। अगर दो-तीन दिन में मौसम साफ नहीं हुआ तो सभी फसलों में नुकसान होगा। बीमा कराने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलता।  
- अशोक शाक्यवाल, किसान।

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किसान की मेहनत और लगन पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। किसान की उड़द की फसल में सबसे अधिक नुकसान हुआ है और उड़द अंकुरित होने लग गए साथ में सोयाबीन मक्का आदि पशुओं में भी नुकसान होगा। 
-मोहनसिंह मेहता, तहसील उपाध्यक्ष, किसान पंचायत।

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क्षेत्र में उड़द की फसल कटी हुई पड़ी हुई थी। उसमें नुकसान हुआ है। मेरे स्वयं के खेत में उड़द की फसल कटी हुई पड़ी हुई थी जो खराब हो चुकी है। खेत में ही फलिया अंकुरित होने लग गई।
- बच्चन ओझा, किसान, मुंडियर।
     
 दो-तीन दिन से हो रही बरसात से किसानों को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक उड़द की फसल में नुकसान है। यदि एक-दो दिन और बरसात रही तो सोयाबीन में भी अधिक नुकसान होने लग जाएगा। अभी सोयाबीन की फली में नुकसान है। उड़द की फसल में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। 
- आजाद मेहता, सहायक कृषि अधिकारी, समरानिया। 

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Tags: damage crop

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