गड़बड़झाले का हथियार बनी पोस मशीन
खाद्य सुरक्षा योजना: प्रदेश में पोस मशीनें खराब होने की शिकायतों का लगा अम्बार
इसके तहत प्रत्येक राशन डीलर को पोस मशीन उपलब्ध कराई गई थी। इसी के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था की गई थी। प्रारम्भ में इस व्यवस्था के परिणाम सही आए और राशन के गड़बड़झाले पर लगाम लग गई।
कोटा। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन की 25 हजार दुकानों के मार्फत गेहूं वितरण में पारदर्शिता के लिए पोस मशीनें लगाई गई हैं। अब इन मशीनों की पारदर्शिता पर सवाल उठने शुरू हुए हैं। इस सम्बंध में लाभार्थी लगातार शिकायतें कर रहे हैं। गेहूं लेने के बाद मशीन से गेहूं की मात्रा की पर्ची नहीं निकलने, किसी जगह मशीन का डिस्प्ले खराब होने जैसी 9 हजार से ज्यादा शिकायतें प्रदेश में खाद्य विभाग को मिली हैं। कोटा जिले में भी इस तरह की 149 शिकायतें मिली है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि राशन डीलरों द्वारा पोस मशीन में तकनीकी खामी बताकर गेहूं में गड़बड़झाले का प्रयास किया जा रहा है। रसद विभाग की ओर से पूर्व में राशन वितरण की प्रभावी निगरानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में राशन डीलरों द्वारा आए दिन गेहूं सहित अन्य राशन सामग्री को हजम करने के मामले सामने आते रहते थे। इस पर राज्य सरकार के निर्देश पर रसद विभाग में भी राशन वितरण पर निगरानी के लिए आॅनलाइन सिस्टम शुरू किया गया है। इसके तहत प्रत्येक राशन डीलर को पोस मशीन उपलब्ध कराई गई थी। इसी के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था की गई थी। प्रारम्भ में इस व्यवस्था के परिणाम सही आए और राशन के गड़बड़झाले पर लगाम लग गई।
फिर लगातार बढ़ने लगी शिकायतें
तीन साल पहले पोस मशीनों में खराबी के मामले सामनॉे आने लगे। उस समय मशीन खराब होने पर राशन कार्ड के माध्यम से ही राशन वितरण के निर्देश दिए गए। बाद में पोस मशीनों में खराबी मामले ज्यादा आने लगे। लाभार्थियों ने रसद विभाग में शिकायतें कर बताया कि राशन डीलरों द्वारा पोस मशीन खराब बता दी जाती है। इससे गेहूं कम मिल रहा है। इस तरह की प्रदेश में लगातर बढ़ने लगी। तीन साल की अवधि में ही पूरे प्रदेश में 9 हजार शिकायतें विभाग को मिली है।
24 घंटे में करा लेता है ठीक
खाद्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राशन की दुकानों पर इस तरह की शिकायतों की संख्या बढ़ भी रही है। गेहूं वितरण पूरी तरह से आॅनलाइन सिस्टम पर है, लेकिन जब पोस मशीन में इस तरह की खराबी आती है तो डीलर को आसानी से गेहूं गायब करने का मौका मिल जाता है। हालांकि यह भी सही है कि मशीन को डीलर 24 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से ठीक भी करा लेता है।
कहां कितनी शिकायतें
कोटा 149
अलवर 336
बांसवाड़ा 828
बारां 320
बाड़मेर 1442
भरतपुर 336
भीलवाड़ा 364
बीकानेर 348
बूंदी 145
चित्तौड़गढ़ 192
चूरू 462
दौसा 225
धौलपुर 287
डूंगरपुर 28
हनुमानगढ़ 49
जयपुर प्रथम 67
जयपुर-द्वितीय 2
जैसलमेर 123
जालौर 158
झालावाड़ 166
झुंझुनूं 217
जोधपुर 244
करौली 0
नागौर 430
पाली 222
प्रतापगढ़ 256
राजसमंद 196
समाधोपुर 62
सीकर 227
टोंक 223
उदयपुर 296
अजमेर 781
बाड़मेर अव्वल, करौली में एक भी नहीं
राशन की दुकान पर पोस मशीन से पर्ची जारी नहीं होने, डिस्प्ले आउट होने जैसी सबसे ज्यादा शिकायतें बाड़मेर में सामने आई हैं। यहां तीन वर्ष में 1442 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। वहीं दूसरे नंबर पर बांसवाड़ा जिला है, जहां की 828 शिकायतें मिली हैं। वहीं करौली जिले में एक भी शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। कोटा संभाग की बात करें तो यहांं कोटा जिले में 149, बारां में 320, बूंदी में 145 और झालावाड़ में 166 शिकायतें मिली है।
जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। पोस मशीनों के संबध में खराबी की शिकायतें मिलती हैं तो डीलर को दूसरी दुकान से मशीन लेकर गेहूं बांटना अनिवार्य है। जिससे डीलर गेहूं वितरण में किसी तरह की अनियमितता नहीं कर सके।
- प्रवीण कुमार, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग
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