पहाड़ी के बीच बना प्राचीन कंकाली माताजी का मंदिर
धानगिरी पहाड़ के नीचे स्थित है मंदिर , मंदिर ध्वस्त होने पर क्षेत्रवासियों ने फिर से तैयार करवाया
यहां पर नियमित रूप से पूजा अर्चना करने आने वाले श्रद्धालु मधुकांत मित्तल ने बताया कि मेरे साथ लगभग एक दर्जन श्रद्धालु यहां पर शाम सुबह पूजा अर्चना करने आते थे। मंदिर आने का सब का समय अलग अलग था।
शाहाबाद। उपखंड मुख्यालय शाहाबाद कस्बे के पश्चिम में प्राचीन समय से कंकाली माताजी का मंदिर है। जिसमें माता कंकाली की पूजन अर्चन किया जाता है। धानगिरी पहाड़ के नीचे राजपुर रोड पर स्थित प्राचीन कंकाली माताजी का मंदिर जो आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। रियासतकालीन से ही यहां पर प्रतिदिन शाम सुबह महा आरती की जाती रही है। हालांकि रियासत कालीन मंदिर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। तब कस्बेवासियों वासियों ने मंदिर की जगह कातलापोस कच्चा मंदिर बनवा दिया। यहां पर नियमित रूप से पूजा अर्चना करने आने वाले श्रद्धालु मधुकांत मित्तल ने बताया कि मेरे साथ लगभग एक दर्जन श्रद्धालु यहां पर शाम सुबह पूजा अर्चना करने आते थे। मंदिर आने का सब का समय अलग अलग था।
मां को लगता है पूये का भोग
शाहाबाद कस्बे के कंकाली मंदिर में विशेषकर पूये का भोग माताजी को लगाया जाता है, क्योंकि माता कंकाली स्वरूप मां के विराट रूप में से एक है। जिस भक्तों की मनोकामना पूरी होती है या मां को प्रसन्न करना हो तो बाजार से कुछ ना लाकर सिर्फ घर से पूये बनाकर मां को भोग लगाए। उससे भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। 1997 के शारदीय नवरात्र में एकत्रित हुए स्वर्गीय चेतन गौतम, स्वर्गीय देशराज सिंह, स्वर्गीय उमाशंकर गोयल, विवेक जैन, प्रभात रंजन, पवन गोयल,दीपक बंसल, पवन गुप्ता, विमल मित्तल, सुनील बंसल, संजय मित्तल, दयाकृष्ण नामदेव, एवं एडवोकेट आजाद मित्तल सबने आपसी विचार विमर्श कर मंदिर के जीणोद्वार फैसला लिया। तब 25 हजार आपस में एकत्रित कर मंदिर परिसर का समतलीकरण करवाया एवं आमजन के सहयोग लेने के लिए मात्र 10 की राशि से आमजन का सहयोग लिया। चैत्र के नवरात्रि तक आमजन के सहयोग से ढाई लाख रुपए एकत्रित किया और यह मंदिर का निर्माण करवाया।
सामुदायिक भवन का करवाया निर्माण
मंदिर को और विशाल रूप देने के लिए आमजन ने सहयोग के लिए आगे आए तब पंचायत समिति में टीएफसी योजना संचालित थी। जिसके अंदर हमने 10 प्रतिशत राशि जमा कर सामुदायिक भवन का निर्माण करवाया गया तो वही आमजन द्वारा जिसमें 2 लाख की राशि एकत्रित कर विशाल रूप दिया। शारदीय नवरात्र एवं चैत्र माह के नवरात्रों में यहां पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कई दूरदराज से श्रद्धालु माताजी पर ढोक लगाने आते हैं। यह कस्बे से सटा हुआ है। परिसर में लगभग दो हजार व्यक्तियों की बैठने की व्यवस्था है। कस्बे के रामजीलाल शर्मा, शिव शंकर शर्मा, जगदीश भार्गव लक्ष्मीनारायण यादव, ओम मित्तल, महावीर प्रसाद शर्मा, केशव नामदेव बृज बल्लभ मित्तल, केशव भार्गव आदि ने बताया कि कस्बे के चारों और माताजी के मंदिर हैं जिनमें श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।
25000 आपस में एकत्रित कर मंदिर परिसर का समतलीकरण करवाया गया एवं आमजन के सहयोग लेने के लिए मात्र 10 की राशि से आमजन का सहयोग लिया।
- मधुकांत मित्तल, निवासी, शाहाबाद
मां कंकाली की पूजा रात्रि में विशेष फलदाई मानी गई है एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाली है। कंकाली मां का स्वरूप विकराल माना गया है जो भक्तों पर करो कृपा करने वाली है कंकाली की पूजा रात्रि कालीन समय में करने का विधान है।
- आचार्य सुदर्शन शर्मा, ज्योतिष
हमारे द्वारा मंदिर विकास समिति बनाकर कूपन योजना चलाई गई उसे धनराशि एकत्रित की गई। मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। जिसमें सभी क्षेत्र के लोगों का सहयोग रहा।
- आजाद मित्तल, एडवोकेट, शाहाबाद
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