पायलट ने गद्दारी की, सीएम कैसे बन सकता है : गहलोत
पायलट के पास 10 विधायक भी नहीं
गहलोत ने कहा कि जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, जिसने सत्ता पाने के लिए बगावत की। देश में ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने का प्रयास किया।
जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले ही कांग्रेस में सियासी घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा कि जिसने बगावत कर पार्टी को धोखे में रखा, वो गद्दार है, उसे सीएम कैसे स्वीकार कर सकते हैं? आलाकमान कभी पायलट को सीएम नहीं बनाएगा। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गहलोत ने यह बात कही।
बगावत के समय 10 करोड़ लिए
गहलोत ने कहा कि जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, जिसने सत्ता पाने के लिए बगावत की। देश में ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने का प्रयास किया। इसके लिए उन्हें बीजेपी ने फंड दिया और मानेसर के होटल में बीजेपी के नेता धर्मेन्द प्रधान विधायकों से मिलने आते थे। पायलट और उनके साथ के एमएलए ने 10 करोड़ रुपए लिए, इस बात के सबूत है।
102 में किसी को सीएम बना दें
किसी अन्य को सीएम बनाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से किसी को सीएम बना दीजिए, लेकिन गद्दारी करने वाले को नहीं। हम खुद ने भुगता है, आलाकमान को लगता है कि कोई दूसरा चेहरा चुनाव जीतवा सकता है तो उसे बना दीजिए।
हम 34 दिन होटलों में रहे, ये सरकार गिरा रहे थे
2020 में पायलट और उनके समर्थित विधायकों के साथ मानेसर के एक होटल में चले जाने से सरकार संकट में आ गई थी, जिसके कारण हम 34 दिन होटलों में बैठे रहे, ये सरकार गिरा रहे थे, अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान भी उसमें शामिल थे।
आज तो मैं ही सीएम हूं
एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि आज तो यहां मैं ही सीएम हूं, हाईकमान की तरफ से इशारा तो छोड़ो, मुझे कोई संकेत नहीं है। मैं हाईकमान के साथ हूं, पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा। हाईकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा।
2009 में मंत्री बनने के लिए पायलट ने मुझे फोन किया था
गहलोत ने कहा कि जब 2009 में लोकसभा चुनाव में राजस्थान से बीस सांसद कांग्रेस के जीते तो मुझे दिल्ली बुलाया गया। जब वर्किंग कमेटी की बैठक हुई तो राजस्थान से मंत्री बनाने के लिए मुझसे पूछा गया। पायलट को जानकारी है, मैंने पायलट को केन्द्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी, उस समय वसुंधरा राजे की सरकार में 70 गुर्जर मारे गए थे, यहां गुर्जर-मीणाओं में झगड़ा था। मेरे पास पायलट का फोन आया था कि मेरी सिफारिश कीजिए, जबकि मैं तो पहले से ही सिफारिश कर चुका था।
25 सितंबर को पायलट की वजह से माहौल बिगड़ा
राज्य में 25 सितंबर को बागी हुए कांग्रेस विधायकों की बात पर गहलोत ने कहा कि ये बगावत मेरे खिलाफ नहीं थी। यह सचिन पायलट के खिलाफ थी, विधायक इस बात से नाराज थे कि 2020 में जिसने बीजेपी के इशारों पर राजस्थान में सरकार गिराने की हिमाकत की वो फिर से ऐसी कोशिश कर रहा है, इसलिए 90 विधायक पायलट के खिलाफ लामबंद हुए थे। अगर वो माफी मांग लेते तो मुझे नहीं मांगनी पड़ती। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने पर गहलोत बोले हमारी सरकार राजस्थान में फिर बने हम इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी बात स्पष्ट रखी थी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस और गांधी पर अपनी पूरी आस्था जताई। पायलट राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश पायलट कर रहे है।
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