हंगामेदार रही नगर पालिका बोर्ड की बैठक
विपक्षी पार्षदों ने उनके वार्ड में काम नहीं होने के आरोप लगाए
स्वर्णकार, राजपूत और शिवहरे समाज के लिए सामुदायिक भवन या धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि आवंटन और गाड़िया, लुहार, नट एवं घुमंतू समाज के आश्रयहीन लोगों के निवास के लिए भूमि आवंटन पर विचार किया गया।
बाड़ी। शहर के नगर पालिका बोर्ड की बैठक पंचायत समिति सभागार में चेयरमैन कमलेश देवी की अध्यक्षता में किया गया। दोपहर 2 बजे से हुई बैठक में मेला महोत्सव सहित अन्य कार्यक्रमों में हुए खर्चे को लेकर अनुमोदन और नगर पालिका के स्वामित्व की भूमियों की नीलामी पर विचार किया गया। स्वर्णकार, राजपूत और शिवहरे समाज के लिए सामुदायिक भवन या धर्मशाला निर्माण के लिए भूमि आवंटन और गाड़िया, लुहार, नट एवं घुमंतू समाज के आश्रयहीन लोगों के निवास के लिए भूमि आवंटन पर विचार किया गया। नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए यूज चार्जर राशि वसूली पर भी बोर्ड में सहमति ली गई साथ में नगर पालिका भूमि में अतिक्रमण हटाए जाने पर बोर्ड से प्रस्ताव लिया गया। जैसे ही बैठक शुरू ही विभिन्न सदस्यों ने अपने अपने वार्ड में काम नहीं होने की बात सदन के सामने रखी।
विपक्षी पार्षदों ने उनके वार्ड में काम नहीं होने के आरोप लगाए। बैठक के दौरान वार्ड 18 के पार्षद अमर सिंह पोसवाल ने बोर्ड के सामने उनके वार्ड में पिछले 2 सालों में कोई काम नहीं होने के आरोप लगाए जो भी काम उन्होंने बोर्ड की बैठकों में सदन के सामने रखे उन पर कोई विचार नहीं हुआ। उन्होंने सामुदायिक भवन के लिए गुर्जर समाज के लिए भी भूमि आवंटन की मांग रखी। वार्ड पार्षद राजकुमार भारद्वाज ने नगर पालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और विभिन्न कामों में फजीर्वाड़ा कर बिल उठाई जाने का आरोप लगाया। वार्ड पार्षद 42 रूक्मपाल सिंह ने सर्दी के दिनों में शहर के विभिन्न चौराहों पर अलाव जलाने बंद पड़ी बिजली लाइटों को दुरस्त कराने की मांग की। वार्ड 09 मोनू मंगल ने पिछले बर्षो में शहर की कृषि भूमि पर नई बसी कॉलोनियों में सुविधाओं के के साथ उनके पट्टे बनाये जाने की मांग की। ज्यादातर वार्ड पार्षदों ने उनके वार्डों में बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि की समस्याओं का रोना रोया और नगर पालिका के प्रशासन पर काम नहीं करने और वार्ड पार्षदों की समस्याओं के समाधान नहीं होने की बात रखी। वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहर के बीच होद मोहल्ले के तालाब से पानी निकासी की समस्या सुरसा का मुंह बनी हुई है। इंजनों से पानी निकासी में अब तक लाखो रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
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