स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला, निगम की तैयारी नहीं

प्रचार प्रसार किया न सिटी फीडबैक के लिए जागरूकता अभियान चलाया

स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला, निगम की तैयारी नहीं

पहले जहां केन्द्र की टीम सफाई का जायजा लेने व भौतिक सत्यापन के लिए जनवरी में आती थी। वह अब मार्च अप्रेल में आने लगी है। इस बार भी मार्च -अप्रेल में टीम के आने का कार्यक्रम है। लेकिन दोनों ही निगमों ने अभी तक इस संबंध में कोई तैयारी ही शुरू नहीं की है।

कोटा। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हर साल करवाए जाने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 होने वाला है। इसके लिए केन्द्र की टीम का शीघ्र ही कोटा आने का कार्यक्रम है। लेकिन अभी तक निगम की इससे संबंधित कोई तैयारी ही नही है। मंत्रालय द्वारा हर साल देश के कई बड़े शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है। इसमें 5 लाख और 10 लाख की आबादी वाले शहरों को शामिल किया जाता है। यह सर्वेक्षण इस बार भी होगा। पहले जहां केन्द्र की टीम सफाई का जायजा लेने व भौतिक सत्यापन के लिए जनवरी में आती थी। वह अब मार्च अप्रेल में आने लगी है। इस बार भी मार्च -अप्रेल में टीम के आने का कार्यक्रम है। लेकिन दोनों ही निगमों ने अभी तक इस संबंध में कोई तैयारी ही शुरू नहीं की है। 

कोटा उत्तर ने सिर्फ कागजी जिम्मेदारी दी
नगर निगम कोटा उत्तर के तत्कालीन आयुक्त की अध्यक्षता में सफाई महकमे के अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें अलग-अलग काम के लिए अधिकारियों को कागजों में जिम्म्मेदारी तो दे दी गई है। लेकिन उन्होंने अभी तक धरातल पर काम शुरू नहीं  किया है। जबकि कोटा दक्षिण में तो कुछ भी काम नहीं हुआ है। 

गीला-सूखा कचरा नहीं हो रहा अलग
नगर निगम में घर-घर कचरा संग्रहण करने की व्यवस्था कई साल पहले शुरू कर दी गई है। उनके लिए टिपर भी उसी तरह के चलाए जा रहे हैं। दो निगमों में नए बोर्ड बनने के बाद नए टिपर भी क्रय किए गए हैं। लेकिन उसके बाद भी उनमें घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग संग्रह नहीं किया जा रहा है। जिससे सर्वेक्षण के समय में इस श्रेणी में अंक कम मिल पाते हैं। हालांकि निगम की ओर से ट्रांसफर स्टेशन व ट्रेचिंग ग्राुनड पर कचरा सेग्रीगेशन का टेंडर किया हुआ है। जिस पर हर महीनें लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। 

पुराने ही लिखे हैं स्वच्छता संदेश
शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए लोगों को जागरुक करने के मकसद से दोनों नगर निगमों की ओर से जगह-जगह दीवारों पर स्वच्छता संदेश लिखवाए जाते हैं। जिससे लोगों को सिटी जन फीडबैक देने में सुविधा हो। लेकिन दोनों ही निगमों ने अभी तक यह काम भी शुरू नहीं किया है।  हालत यह है कि शहर में कोटा उत्तर निगम क्षेत्र हो या दक्षिण का क्षेत्र। अभी तक दीवारों पर पुराने संदेश ही लिखे हुए है। जिनमें से कई की हालत तो इतनी अधिक खराब हो गई है कि वे सही ढंग से पढ़ाई में भी नहीं आ रहे हैं। 

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सफाई मशीनरी का भी उपयोग कम हो रहा
नगर निगम के पास सफाई के संसाधनों की कोई कमी नहीं है। दोनों निगमों में छोटी से लेकर बड़ी तक सफाई की मशीनरी आ चुकी हैं। रोड स्वीपर से लकर सुपर सकर तक मशीन यहां आ चुकी है।  लेकिन उसके बावजूद उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है।  अधिकारी एनवक्त पर मशीनों का उपयोग करेंगे। 

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एनवक्त पर चेतेंगे अधिकारी
नगर निगम में हर साल की तरफ इस बार भी अधिकारी एनवक्त पर ही चेतेंगे। टीम के आने का समय होने से पहले सार्वजनिक व आधुनिक शौचालयों की मरम्मत व साफ सफा करवाई जाएगी। दिन के साथ ही रात में भी सफाई शुरू की जाएगी। सिटीजन फीडबैक के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। 

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इनका कहना है
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कागजी कार्रवाई तो की जा रही है। लेकिन अभी तक धरातल पर होने वाले काम शुरू नहीं किए हैं। जिनमें सिटीजन फीडबैक व प्रचार प्रसार का काम होना  है। इसी महीने यह काम शुरू किए जाएंगे। शहर में सफाई से संबंधित काम तो नियमित हो रहे हैं। सर्वेक्षण टीम गुप्त रूप से आती है। वह अपना काम करती है। प्रयास है कि पिछली बार से इस  बार सफाई में तो सुधार होगा ही रैकिंग में भी सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। 
-राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण

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