संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने का खतरा
शोध के तरीके से प्रस्तुत सार पर आधारित
संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति की बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि पृथ्वी अभी जिस मोड़ पर है।
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने एक नई रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट ग्लोबल वार्मिंग पर हुए शोध के तरीके से प्रस्तुत सार पर आधारित है। इसके अनुसार दुनिया को खतरनाक ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए यह ध्यान रखना होगा कि समय हाथ से निकलता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति की बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि पृथ्वी अभी जिस मोड़ पर है। वहां से उसे वापस नहीं लाया जा सकता है। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति प्राप्त सीमा 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फारेनहाइट) से अधिक होने का खतरा है।
रिपोर्ट के अनुसार वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों जैसे- मीथेन, कार्बन डाईऑक्साइड, ऑक्साइड और क्लोरो-फ्लूरो-कार्बन के बढ़ने के कारण पृथ्वी के औसत तापमान में होने वाली वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। इसकी वजह से जलवायु परिवर्तन भी होता है। इससे लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में बढ़ोतरी हो रही हैं। गर्म हवाएं और बाढ़ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि होने का कारण बन रही है।
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