global warming
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Read More... बेहद गंभीर समस्या है ग्लोबल वार्मिंग
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By Jaipur KD
कॉरपोरेट पूंजीवादी व्यवस्था ने वैश्विक स्तर पर हमारे सामने दो बेहद गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। जलवायु संकट : लक्ष्यों में बदलाव करना होगा
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ग्लोबल वार्मिंग आधिकारिक रूप से 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर गई। प्रदेश में प्रदूषण के कारण बढ़ रहा ग्लोबल वार्मिंग और तापमान
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औद्योगिक अपशिष्ट को ट्रीटमेंट करके ही बाहर निकालना चाहिए। कॉप-28 जलवायु नियंत्रित करने के लिए कमर कसे
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वैज्ञानिक और पर्यावरणविद चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दशकों में वैश्विक तापमान और बढ़ेगा इसलिए अगर दुनिया अब भी नहीं सतर्क होगी तो इक्कीसवीं सदी को भयानक आपदाओं से कोई नहीं बचा पाएगा। बेहद खतरनाक है दुनिया का बढ़ता तापमान
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जहां सामान्यतया मार्च के महीने में अंटार्कटिका का तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस रहता है, वहीं साल 2022 के 18 मार्च को यहां का तापमान माइनस 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने का खतरा
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संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति की बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि पृथ्वी अभी जिस मोड़ पर है। विश्व भर में समुद्र की गर्मी में रिकार्ड वृद्धि
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वैज्ञानिक चेंग ने अध्ययन के महत्व को समझाते हुए कहा कि अगर दुनिया को आगामी वर्षों में गर्मी से बचाना चाहते हैं तो समुद्र की गर्मी और लवणता में बदलाव को लेकर जागरूकता फैलाना जरूरी है, जिससे जलवायु परिवर्तन से निपटा जा सके। पृथ्वी के तापमान में वृद्धि : खतरे के संकेत
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बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते उद्योगों एवं विध्वंस होते वनों एवं जंगलों के कारण विश्व ‘बढ़ते तापमान’ एवं जलवायु परिवर्तन जैसी ज्वलन्त समस्याओं से जूझता हुआ विनाश के कगार पर खड़ा है। गत एक शताब्दी के दौरान पृथ्वी के औसत तापमान में लगभग 0.74 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि हुई है एवं गत पचास वर्षों के दौरान वैश्विक तापमान में वृद्धि दुगुनी हो गई है। 