राजस्थान विधानसभा में युवा संसद : देवनानी ने विद्यार्थियों को करियर चयन को लेकर दिया स्पष्ट और प्रेरक संदेश, कहा- रुचि से करियर चुनें, डॉक्टर-इंजीनियर ही सब कुछ नहीं
41 जिलों से 164 विद्यार्थियों ने लिया भाग
राजस्थान विधानसभा परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय युवा संसद के उद्घाटन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विद्यार्थियों को करियर चयन को लेकर स्पष्ट और प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है और करियर का चुनाव अपनी रुचि व योग्यता के आधार पर किया जाना चाहिए।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय युवा संसद के उद्घाटन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विद्यार्थियों को करियर चयन को लेकर स्पष्ट और प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है और करियर का चुनाव अपनी रुचि व योग्यता के आधार पर किया जाना चाहिए। स्पीकर देवनानी ने कहा कि कई बार बच्चे समाज या परिवार के दबाव में आकर बिना रुचि के करियर चुन लेते हैं और कोचिंग संस्थानों में जाकर तनाव में आ जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि डॉक्टर और इंजीनियर ही सबसे बड़े पेशे नहीं हैं, हर क्षेत्र का अपना महत्व है और सभी पेशे बराबर सम्मान के पात्र हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अलग-अलग करियर विकल्पों पर गंभीरता से विचार करें और सही मार्गदर्शन लें। करियर काउंसलिंग को समय की जरूरत बताते हुए देवनानी ने कहा कि रुचि और क्षमता के अनुसार किया गया करियर चयन न केवल युवाओं के लिए, बल्कि देश के भविष्य के लिए भी लाभकारी होगा।
41 जिलों से 164 विद्यार्थियों ने लिया भाग:
राज्य स्तरीय युवा संसद में प्रदेश के सभी 41 जिलों से 164 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। कार्यक्रम में “हमारा भविष्य, हमारा निर्णय” विषय पर दो घंटे तक चर्चा की गई, जिसमें किशोर-किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और उन्हें सही करियर मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर विचार रखा गया।
प्रबल कार्यक्रम से हुआ चयन:
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रबल कार्यक्रम के माध्यम से युवा संसद के लिए विद्यार्थियों का चयन किया गया। अगस्त और सितंबर में प्रदेश के 378 ब्लॉकों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। प्रत्येक ब्लॉक से एक छात्र और एक छात्रा का चयन जिला स्तर के लिए किया गया, जबकि हर जिले से दो छात्र और दो छात्राओं को राज्य स्तरीय युवा संसद के लिए चुना गया। युवा संसद के जरिए विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया, संवाद और नेतृत्व कौशल से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ अपने भविष्य का निर्णय ले सकें।

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