कोरोना पकड़ रहा रफ्तार,वैक्सीनेशन बंद,फिर कैसे होगा बचाव !
जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट नहीं होने से कोटा में कौनसा वैरिएंट सक्रिय इसका नहीं लग पा रहा अंदाजा
संभाग में रोज कोरोना पॉजीटिव आ रहे लेकिन इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है। हालांकि दुकानों पर विदेशी वैक्सीन मौजूद है लेकिन कीमत ज्यादा होने से लोग नहीं लगवा रहे है। सरकारी वैक्सीन का इंतजार कर रहे है।
कोटा। कोटा संभाग सहित प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन कोटा सहित प्रदेश के किसी भी वैक्सीनेशन केंद्र वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। कोटा में अंतिम बार 9 फरवरी को लोगों कोविशील्ड वैक्सीन लगाई थी। उसके बाद स्टॉक खत्म हो गया है। कोटा में वैक्सीन की डिमांड भेज रखी है लेकिन अभी तक वैक्सीन नहीं आने से सभी केंद्रों बंद कर दिया है। इधर वैक्सीनेशन बनाने वाली कंपनियों ने भी सरकार की और से डिमांड नहीं मिलने वैक्सीन बनाना कम कर दिया है। कोटा में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। संभाग में रोज कोरोना पॉजीटिव आ रहे लेकिन इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है। हालांकि दुकानों पर विदेशी वैक्सीन मौजूद है लेकिन कीमत ज्यादा होने से लोग नहीं लगवा रहे है। सरकारी वैक्सीन का इंतजार कर रहे है। इधर चिकित्सकों कहना है कि 200 दिन तक नि:शुल्क वैक्सीनेशन हुआ उसके बावजूद लोगों रूचि नहीं दिखाई । एक वाइल्ड में दस डोज आते है लगाने वाले दो से तीन आते ऐसे में कई वैक्सीन डोज बेकार हुई। निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने वाले नहीं आने और वाइल्ड खराब होने से लोगों ने मंगवाना ही बंद कर दिया।
इधर लोगों चौथी डोज लगाने को लेकर भ्रम चल रहा है। कोविड जांच प्रभारी डॉ. अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि वैक्सीन की तीसरी डोज ही काफी है। चौथी डोज के सवाल पर डॉ. शर्मा ने कहा कि ऐसा कोई डेटा अब तक नहीं आया है, जो चौथी डोज की जरूरत पर जोर देता हो। यानी फिलहाल चौथी डोज लेने की जरूरत नहीं है इसकी जरूरत तब तक नहीं है, जब तक की कोई विशेष प्रकार का बाइवेलेंट टीका नहीं आ जाता है। वायरस इतना नहीं बदला है कि एक नए टीके की आवश्यकता होगी, इसलिए टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर भरोसा रखें। उनके अनुसार, बूढ़े लोगों को मास्क पहनने जैसी सावधानियां बरतनी जारी रखनी चाहिए। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने हाल ही कहा था कि भारत में अभी कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि वायरस के वैरिएंट को देखते हुए यह इतना बड़ा नहीं है कि कोविड-19 वैक्सीन की चौथी खुराक की कोई आवश्यकता है। इसके कई कारण हैं। वर्तमान में, जो भी टीके हैं, वे वायरस उनके ऊपर पलायन म्यूटेंट बनाता है जो संक्रमण का कारण बनता है। अगर किसी व्यक्ति ने एंटी-कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी खुराक ली है, तो इसका मतलब है कि उसकी टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को तीन बार प्रशिक्षित हो चुकी है।उन्होंने कहा वायरस इतना नहीं बदला है कि एक नए टीके की आवश्यकता होगी, इसलिए टी-सेल प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर भरोसा रखें। उनके अनुसार, बूढ़े लोगों को मास्क पहनने जैसी सावधानियां बरतनी जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चौथी खुराक के लिए अभी भी सोचने का समय है, क्योंकि अगर कोई नया संस्करण आता है, तो वह सार्स कोविड 2 परिवार से नहीं होगा। यह पूरी तरह से नया हो सकता है और जब यह आएगा, तो हम इसके बारे में सोचेंगे। क्योंकि हमारी जीनोमिक निगरानी अभी भी चल रही है। अब चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
जांच का दायरा बढ़ाया
सीएमएचओ डॉ. जगदीश कुमार सोनी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ने के बाद कोटा जिले में कोविड जांच केंद्र बढ़ाए साथ संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने के लिए सभी प्रभारियों को पाबंद कर दिया है। कोटा में प्रतिदिन 400 से 800 तक जांच होने लगी है। आगामी दिनों और जांच केंद्र बढ़ाए जाएंगे। साथ कोविड बढ़ते मरीजों को देखते हुए सभी सीएचसी पीएचसी पर कोविड से बचाव के संसाधनों को चैक करने और आॅक्सीजन सप्लाई, बैड और आवश्यक दवाओं का पूरा स्टॉक रखने के निर्देश जारी कर दिए है। कोविड वैक्सीन की डिमांड भेज रखी है। अभी प्रदेश में कहीं भी सप्लाई नहीं हो रही है। विभाग की वैक्सीन को लेकर अभी कोई गाइड लाइन नहीं आई है। अभी दवाओं से ही कोविड रोगियों का इलाज किया जा रहा है।
नहीं हो रहा जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट
कोटा में मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्सेंसिंग टेस्ट मशीन तो लगा दी लेकिन मशीन लगाने के बाद मशीन मेंलगाने के लिए एक साथ 99 पॉजीटिव सैंपल की आवश्यकता होती है। इतने सारे केस एक साथ नहीं आने से इस मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है। साथ कोटा में वर्तमान में कोराना का कौनसा वैरिएंट सक्रिय है इसका भी पता नहीं लग पा रहा है। झालावाड़, कोटा, बारां सभी सैंपलों मिलाने के बाद सभी 99 सैंपल नहीं होने से जांच नहीं हो रही है।
200 दिन में 1 लाख 35 हजार 402 लोगों का हुआ था टीकाकरण
कोटा में अमृत उत्सव के दौरान 1 लाख 35 हजार 402 लोगों ने कोविड से बचाव के लिए टीका लगवाया उसके बाद टीकाकरण की रफ्तार धीमी पड़ गई। फरवरी तक इक्का दुक्का लोग ही टीकाकरण के लिए आते थे। केंद्र सरकार ने 15 जुलाई 2022 से कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज मुफ्त करने के बाद से ही टीका लगाने वालों की सौ गुना बढ़ गई थी। 9 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार ने 18 से 59 साल के लोगों के लिए निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज सशुल्क शुरू की थी जिसमें 225 रुपए व 150 सर्विस चार्ज कुल 375 रुपए में बूस्टर डोज लगाने का प्रावधान था। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के सुधा अस्पताल स:शुल्क बूस्टर डोज लगाने की व्यवस्था की थी। 9 अप्रैल से 14 अप्रैल तीन माह 11 दिन में सुधा अस्पताल में स:शुल्क 3593 लोगों ने ही डोज लगाई थी। कोराना संक्रमण के फिर से केस आने और लोगों के बूस्टर डोज के प्रति उदासीनता के चलते सरकार ने आजादी के अमृत उत्सव के तहत 15 जुलाई से सभी सरकारी अस्पतालों में कोविड वैक्सीन महाअभियान के तहत नि:शुल्क प्रीकॉशन डोज लगाना शुरू किया। 15 जुलाई को पहले दिन ही 3115 लोग प्रीकॉशन डोज लगाने पहुंच गए। जबकि निजी अस्पताल में रोज 37 से 40 लोगों ही प्रीकॉशन डोज लगवा रहे थे।
जुलाई दूसरे पखवाड़े में 54007 लोगों ने प्रीकॉशन डोज लगाकर टीकाकरण की रफ्तार को एक बार फिर से रफ्तार दे दी थी। जहां पहले अस्पताल में गिनती के बुजुर्ग डोज लगाने जाते थे वहां अब कतारें लगना शुरू हो थी। टीकाकरण प्रभारी डॉ. देवेंद्र झालानी ने बताया कि आजादी के अमृत उत्सव के तहत 75 दिन के लिए बूस्टर डोज को नि:शुल्क किया उसके बाद से अब तक 1 लाख 15 हजार 977 लोगों ने बुस्टर डोज लगवाई है। वहीं जुलाई से सितंबर 2022 के बीच पहली, दूसरी और बूस्टर डोज कुल 1 लाख 35 हजार 402 लोगों ने लगवाई है। जबकि अप्रैल मई जून के तीन माह में सशुल्क होने से मात्र 3539 लोगों ने ही डोज लगाई थी। कोटा में अक्टूबर में आयोजित 71212 सेशन में 1679851 लाभार्थियों को पहली, 1505959 को दूसरी और 109969 को प्रीकॉशन डॉज लग चुकी थी। प्रदेश में 30 मार्च तक पहली डोज 11 करोड57 लाख 16662 लोगों लगी।
इनका कहना है
9 फरवरी को वैक्सीन अंतिम डोज लगी थी। उसके बाद स्टॉक खत्म होने से केंद्र बंद है। वैक्सीन की डिमांड भेज रखी है अभी तक वैक्सीन नहीं आई है। प्रदेश अभी कहीं वैक्सीन की सप्लाई नही हो रही है। वैक्सीन आते फिर से केंद्र शुरू करेंगे।
- डॉ. देवेंद्र झालानी, टीकाकरण प्रभारी
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