सिलिकोसिस रोग से बचने के लिए आजमाएं ये तरीके
खनन क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों होते है सिलिकोसिस के शिकार
धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन छोड़ने, खनन क्षेत्रों में ड्रिलिंग कार्य करते समय व ब्लास्टिंग मशीन से खनन करते समय उड़ती धूल-मिट्टी से बचाव करने, खनन क्षेत्रों के कच्चे रास्तों पर पानी का छिड़काव करने, खनन कार्य के समय डस्ट मास्क का उपयोग करने जैसे उपाय बताए।
कोटा। राजस्थान के कोटा जिले के खनन क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सिलिकोसिस रोग से बचाव के उपाय और साधन अपनाने की हिदायत दी गई।
(निरोगी कोटा-स्वस्थ कोटा) नवाचार के तहत शुक्रवार को चिकित्सा विभाग एवं खान एवं भू-विज्ञान विभाग की ओर से चेचट स्थित स्वागत क्रेशर पर सिलिकोसिस जागरूकता एवं स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। इसमें क्रेशर सहित कोटा स्टोन खदानों एवं आस-पास काम करने वाले 117 श्रमिकों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की और परामर्श के साथ दवाईयां दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. जगदीश सोनी ने बताया कि शिविर में 11 श्रमिकों को स्पूटम जांच और 11 को चेस्ट एक्सरे के लिए रैफर किया गया। उन्होंने बताया कि 31 श्रमिकों की बीपी और 28 की शुगर जांच की। डीटीओ डा. एस एन मीणा एवं उनकी टीम ने शिविर में आए लोगों को सिलिकोसिस रोग से बचाव के उपाय और साधन अपनाने की हिदायत दी।
धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन छोड़ने, खनन क्षेत्रों में ड्रिलिंग कार्य करते समय व ब्लास्टिंग मशीन से खनन करते समय उड़ती धूल-मिट्टी से बचाव करने, खनन क्षेत्रों के कच्चे रास्तों पर पानी का छिड़काव करने, खनन कार्य के समय डस्ट मास्क का उपयोग करने जैसे उपाय बताए।
उन्होंने 25 से 31 मई तक मनाए जा रहे तम्बाकू निषेध सप्ताह, टीबी रोग से बचाव-उपचार निक्षय मित्र, निक्षय पोषण योजना, निक्षय संबल योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त ग्राम पंचायत योजना और सिलीकोसिस सहायता राशि के बारे बताया। उन्होंने बताया कि अगला शिविर 2 जून को कोटा जिले में लाड़पुरा तहसील के शंकरपुरा गांव में लगाया जाएगा।
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