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नाले में जमा गंदगी बता रही शहर की सफाई की तस्वीर
स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले निगम की मशक्कत की खोल रहे पोल
शहर में दो नगर निगम बनने के बावजूद दोनों नगर निगमों द्वारा सफाई के लिए पूरी ताकत झोंकने पर भी शहर की तस्वीर अलग ही कहानी बयां कर रही है।
कोटा। शहर में दो नगर निगम बनने के बावजूद दोनों नगर निगमों द्वारा सफाई के लिए पूरी ताकत झोंकने पर भी शहर की तस्वीर अलग ही कहानी बयां कर रही है। शहर में जिस तरह से बरसात से पहले नालों की सफाई करवाई गई थी उन पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे वह नाले इस समय फिर से कचरे से अटे हुए हैं । सबसे अधिक खराब हालत किशोरपुरा स्थित साजीदेहड़ा नाले की है । यहां नाले में इतना अधिक कचरा जमा है कि वह नाला कम और कचरे का मैदान अधिक नजर आ रहा है । नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा बरसात से पहले चैन माउंटेन मशीन से शहर के सभी बड़े बरसाती नालों की सफाई करवाई गई थी। जिससे साजीदेहड़ा नाले का भी मौखे नजर आने लगे थे लेकिन आसपास के लोगों और नगर निगम के सफाई कर्मचारियों द्वारा नाले में डाले गए कचरे से मौखे तो बंद हो ही गए पूरा नाला कचरे से भर गया है । स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए केंद्रीय टीम इसी माह कोटा आने वाली है। ऐसे में उनके द्वारा शहर के साफ-सफाई और नालों की हालत देखकर अंदाजा लगाया जाएगा कि नगर निगम द्वारा किस तरह से शहर की सफाई की जा रही है। ऐसे में नगर निगम और कोटा की रैंकिंग में सुधार किस तरह से हो पाएगा । नगर निगम कोटा उत्तर और दक्षिण में डेढ़ सौ पार्षद और करीब 28 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी हैं जो अपने अपने क्षेत्रों में सफाई की निगरानी कर रहे हैं । महापौर और आयुक्त भी सेक्टर बैठकर लेकर सफाई महकमे के अधिकारियों को सफाई के प्रति सचेत रहने के निर्देश दे रहे हैं उसके बावजूद भी शहर उतना अधिक साफ नजर नहीं आ रहा जितना होना चाहिए।
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