
सदन में घिरे सरकार के ज्यादातर मंत्री, विधायकों के सवालों का नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्रियों का बचाव करते नजर आए।
विधायकों की ओर से पूछे गए सवालों का जलदाय मंत्री महेश जोशी, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया, आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
जयपुर। विधानसभा विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सरकार के ज्यादातर मंत्री सदन में घिरते नजर आए। विधायकों की ओर से पूछे गए सवालों का जलदाय मंत्री महेश जोशी, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया, आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्रियों का बचाव करते नजर आए।
दरअसल, प्रश्नकाल में भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने जयपुर जिले में बजट घोषणा के मुताबिक ट्यूबवेल और हेड पंप स्वीकृति को लेकर जानकारी लेनी चाही। वहीं विधायक सुरेश टांक ने किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों पर पेयजल कनेक्शन को लेकर सवाल उठाया, लेकिन जलदाय मंत्री महेश जोशी दोनों ही सवालों का जवाब नहीं दे पाए इससे विधायक असंतुष्ट नजर आए। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ग्रेटर भिवाड़ी इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की योजनाओं को लेकर सवाल पूछते हुए कहा कि योजना के लिए भौगोलिक क्षेत्र ही तय नहीं हुआ, लेकिन निजी खातेदारों को मुआवजा का वितरण कर दिया गया। सवाल में हस्तक्षेप करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बिना क्षेत्र का निर्धारण हुए मुआवजा कैसे दिया जा सकता है? जवाब में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि रीको की ओर से योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है, इसलिए प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है। रावत का सवाल से संबंधित जवाब नहीं आने पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि इस सवाल को नए सिरे से लाया जाए। विधायक रुपाराम ने मकराना विधानसभा क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण से जुड़ा मामला उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में प्राइवेट ठेकेदार की तरफ से पोषाहार वितरण में घोटाला किया जा रहा है। सवाल के जवाब में महिला विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि पोषाहार वितरण का सरकारी एजेंसियों के जरिए ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोशाहार का वितरण किया जाता है, निजी ठेकेदार की कोई जानकारी नहीं है। स्पीकर ने कहा कि विभाग की भी जिम्मेदारी होती है। इसका मंत्री संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी।
विधायक नरेंद्र नागर ने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में माडा योजना के गांव को लेकर सवाल पूछा, लेकिन जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन बामणिया संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। विधायक ज्ञानचंद पारख ने प्रदेश में शराब कारोबार से जुड़े परिवारों के उत्थान के लिए नवजीवन योजना के लाभार्थियों को अब तक दिए गए लाभ के बारे में जानकारी लेनी चाही, लेकिन आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि आवेदन समाज कल्याण विभाग की ओर से स्वीकृत किए जाते हैं, विभाग सिर्फ मांग के अनुसार राशि मुहैया करवाता है। मीणा के जवाब से पारख ने असंतुष्टि जाहिर की। विधायक संयम लोढ़ा ने सिरोही विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य के प्रस्ताव स्वीकृत नहीं करने का मामला उठाया। लोढ़ा ने कहा कि प्रस्ताव स्वीकृत क्यों नहीं किए गए? इसका ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीना संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। विधायक शोभा चौहान ने पशुधन बीमा योजना में पशुओं का बीमा से संबंधित सवाल पूछा, लेकिन मंत्री लालचंद कटारिया सवाल के जवाब में घिरते नजर आए। आखिर उन्होंने कहा कि 15 दिन में इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन आज की तारीख में पशु बीमा योजना लागू नहीं है।
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