परीक्षा केंद्र सहित बुनियादी जरूरतों तक की नहीं है सुविधा

महाविद्यालय में सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे छात्र

परीक्षा केंद्र सहित बुनियादी जरूरतों तक की नहीं है सुविधा

राजकीय महाविद्यालय में परीक्षा केंद्र, वाणिज्य, विज्ञान संकाय व व्याख्याता स्टाफ व फर्नीचर तथा पेयजल अभाव का है।

चौमहला। जिला मुख्यालय झालावाड़ से करीब 140 किमी दूर स्थित राजकीय महाविद्यालय में परीक्षा केंद्र,  वाणिज्य, विज्ञान संकाय व व्याख्याता स्टाफ व फर्नीचर तथा पेयजल अभाव का है छात्र संगठनों द्वारा लगातार परीक्षा केंद्र खोले जाने की मांग की जा रही है। राजकीय महाविद्यालय जिला मुख्यालय से 140 किमी दूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। सरकार ने चौमहला में महाविद्यालय का सर्व सुविधायुक्त विशाल भवन बना रखा है। महाविद्यालय में प्रथम द्वितीय तृतीय वर्ष में कुल 550 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। चौमहला महाविद्यालय में परीक्षा केंद्र नहीं होने से छात्र छात्राओं को परीक्षा देने यहां से 90 किमी दूर स्थित भवानीमंडी जाना पड़ता है। जिससे उनका काफी समय व धन बरबाद होता है।  छात्र संघों द्वारा लगातार परीक्षा केंद्र खोलने की मांग की जा रही है। पूर्व में छात्रों ने परीक्षा केंद्र खोलने की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। चौमहला के समीप रापाखेड़ी गांव में बने यह महाविद्यालय भवन 19 बीघा जमीन में 11 करोड़ 88 लाख रु की लागत से बना है। जिसमे 10 कक्षा कक्ष, 2 लेब,पुस्तकालय भवन,मीटिंग हाल, चार दिवारी तथा पार्किंग तथा खेल मैदान है।

वाणिज्य व विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों का अभाव
चौमहला महाविद्यालय में कला विषय की कक्षाएं संचालित है। दूरदराज स्थित इस महाविद्यालय में वाणिज्य, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय नहीं हैं। इन विषयों में पढ़ाई करने के इछुक छात्रों को मजबूरन अन्य क्षेत्रों में जाना पड़ता है।

  फर्नीचर का अभाव
महाविद्यालय में फर्नीचर का आभाव बना हुआ है। छात्र छात्राओं के बैठने के लिये 400 टेबल कुर्सी की आवश्यकता है। क्षेत्रीय विधायक कालूराम मेघवाल ने विधायक कोष से 400 टेबल कुर्सी देने की घोषणा कर रखी है। लेकिन यह फर्नीचर अभी तक महाविद्यालय नही पहुंचा।

क्रमोन्नति की आवश्यकता
महाविद्यालय में बीए की बाद एमए की कक्षाएं नही होने के कारण छात्रों को 90 किमी दूर भवानीमंडी जाना पड़ता है निर्धन व गरीब परिवार के छात्र आर्थिक स्थिति के कारण आगे अध्ययन नही कर पाते। यहां महाविद्यालय का विशाल भवन व पर्याप्त व्यवस्थाएं को देखते हुये यहां स्नातकोत्तर कक्षाओं में हिंदी साहित्य इतिहास राजनीति विज्ञान आदि कक्षाओ का संचालित करना क्षेत्र के छात्रों के लिए उपयुक्त होगा।

   स्टॉफ का अभाव
महाविद्यालय में प्राचार्य सहित 21 पद स्वीकृत है जिनमें 7 सहायक आचार्य और 13 अशैक्षणिक हैं। वर्तमान में इनमें से 1 प्राचार्य , 2 सहायक आचार्य तथा 1 अशैक्षणिक (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) कार्यरत हैं।  इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान तथा संस्कृत में विद्या संबल योजना में आमन्त्रित गेस्ट फेकल्टी हैं। समाजशास्त्र में रिक्त हैं।

 पेयजल का अभाव
महाविद्यालय में इनदिनों पेयजल का संकट बना हुआ है। यहां ट्यूवेल लगी हुई है जिसकी मोटर खराब हो रही है तथा अभी गारंटी पिरियड में हैं। महाविद्यालय द्वारा कई बार ठेकेदार व पीडब्लूडी विभाग को अवगत करा दिया गया।  लेकिन कोई  सुधार नही हुआ।

महाविद्यालय में विधायक कोष से फर्नीचर उपलब्ध करवाने की प्रकिया जारी है। शीघ्र कालेज को फर्नीचर उपलब्ध होगा। परीक्षा केंद्र खोले जाने के प्रयास जारी है।
कालूराम मेघवाल, विधायक

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