पूरी रात दुआओं का दौर: अजमेर दरगाह में शबे बरात पर जायरीनों का उमड़ा हुजूम

अजमेर दरगाह शरीफ में यह क्रम पूरी रात चला जो आज सवेरे तक जारी रहा।

पूरी रात दुआओं का दौर: अजमेर दरगाह में शबे बरात पर जायरीनों का उमड़ा हुजूम

शबे बरात शबान इस्लामी साल का आंठवा महीना है जिसका मतलब जमा करना और अलग करना होता है।

अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शबान महीने की 15वीं रात शबे बरात पर जायरीनों का हुजूम उमड़ पड़ा। अजमेर में शबे बरात के मौके पर दरगाह शरीफ में पूरी रात दुआओं का दौर चला जो आज तड़के सवेरे तक जारी रहा। इस रात जायरीन एवं अकीदतमंद अपने गुनाहों से तौबा करके आने वाले दिनों में खुशहाली व रहमत की दुआ करते हैं। इतना ही नहीं अकीदतमंद अपने पूर्वजों की कब्रों पर बैठकर भी दुआ करते है और उनकी रुह को शांति की प्रार्थना करते हैं। अजमेर दरगाह शरीफ में यह क्रम पूरी रात चला जो आज सवेरे तक जारी रहा।जायरीन सुबह से ही दरगाह शरीफ में हाजिरी लगाने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने गरीब नवाज की बारगाह में दुआ की और शबे बरात को धार्मिक रस्म के तौर पर मनाया। वहीं पूर प्रदेश मे पूरी रात दुआओं का दौर चला हर गली मोहल्लों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुआ की।

उल्लेखनीय है कि शबे बरात शबान इस्लामी साल का आंठवा महीना है जिसका मतलब जमा करना और अलग करना होता है। अकीदतमंद गुनाह भरी बातों को अलग कर उससे निजात की दुआ करते हैं और आने वाले दिनों के लिए अल्लाह से रहमत मांगते हैं और पूरे परिवार के लिए खुशहाली की कामना करते हैं।

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