दरगाह शिव मन्दिर ही है, जिसे मूल स्वरूप प्रदान करेंगे : विष्णु गुप्ता
वर्शिप ऐक्ट में पूजा स्थल ही आते हैं, दरगाह नहीं
प्रशासन, पुलिस और सरकार का वादी विष्णु गुप्ता को पुलिस सुरक्षा देने पर आभार व्यक्त किया।
अजमेर। अखिल भारतीय हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि वर्शिप ऐक्ट में मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च जैसे मामले ही आते हैं, जो कि पूजा स्थल हैं। दरगाह इनमें से किसी भी श्रेणी में नहीं आती। क्योंकि दरगाह पूजा स्थल नहीं है। न्यायालय से इसका सर्वे कराने की मांग की जाएगी। गुप्ता ने अजमेर में वैशाली नगर स्थित तपस्वी भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दरगाह वास्तव में एक शिव मन्दिर है, जिसे आतताइयों ने विकृत कर दिया है। अब हमारा प्रयास है कि इस शिव मन्दिर को पुन: उसका मूल स्वरूप प्रदान किया जाए। सनातनी होने के नाते दरगाह में मन्दिर होने पर मुकदमा करने का मेरा संवैधानिक अधिकार है और पर्याप्त सबूत भी मेरे पास हैं।
उन्होंने कहा, मुझे स्थानीय लोगों से भी निरन्तर नए साक्ष्य उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिन्हें मैं न्यायालय में प्रस्तुत कर मन्दिर होने की पुष्टि करूंगा। इसके लिए ही हमने न्यायालय का सहारा लिया है। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य किसी वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत करना नहीं है।
विश्व हिन्दू पीठ हरिद्वार के अध्यक्ष मदन आचार्य ने कहा कि यह सर्व विदित है कि 11वीं शताब्दी के पूर्व कोई भी मस्जिद या मजार भारत में नहीं थी। मुगल शासकों ने यहां आकर मन्दिरों को तोड़कर मस्जिदें और मजार बनवाईं। इसके साक्ष्य के रूप में उन्होंने अनेक ग्रन्थ भी पत्रकारों के सामने प्रस्तुत किए।
सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु राजस्थान के अध्यक्ष पूर्व जज अजय शर्मा ने कहा कि आज प्रेस कॉन्फ्रेंस रखने का मुख्य उद्देश्य वादी विष्णु गुप्ता के विषय में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करना है। क्योंकि लोग उनके बारे में अनर्गल बातें कर अजमेर का सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगाड़ रहे हैं। कुछ समय बाद ही उर्स मेला शुरू होने वाला है। जिसमें कुछ लोग वैमनस्यता पैदा कर अजमेर शहर का वातावरण बिगाड़ने पर उतारू हैं। उन्होंने प्रशासन, पुलिस और सरकार का वादी विष्णु गुप्ता को पुलिस सुरक्षा देने पर आभार व्यक्त किया।
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