बजट सत्र में फिर से उठेगा मणिपुर का मुद्दा
सरकार से सदन में जवाब मांगेगी कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि मणिपुर की हालत बहुत खराब है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को वहां जाकर लोगों से बात करनी चाहिए।
सेनापति (मणिपुर)। कांग्रेस ने कहा है कि मणिपुर की हालत बहुत खराब है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को यहां आकर लोगों से बात करनी चाहिए लेकिन दोनों नेताओं को यहां की परवाह नहीं है इसलिए पार्टी संसद के बजट सत्र में मणिपुर का मुद्दा उठाएगी और इस मामले में सरकार से जवाब मांगेगी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश और पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे दिन आज नागालैंड की तरफ की जाते हुए यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच जबरदस्त रंजिश जारी है और वे एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को आकर दोनों समुदायों की बात सुनकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गांधी रास्ते में विभिन्न मणिपुरी संस्थाओं और समुदायों के लोगों से मिले और उनसे कहा कि वह शांति चाहते हैं और केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर शांति बहाली का रास्ता निकालना चाहिए।
रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने मणिपुर को चर्चा में लाने के मकसद से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लायी थी। कांग्रेस को मालूम था कि बहुमत सरकार का है और वह जीतेगी ही। सरकार मणिपुर पर ध्यान नहीं दे रही थी इसलिए हम अविश्वास प्रस्ताव लाये और हमें लगा कि मोदी प्रस्ताव पर जवाब के दौरान मणिपुर की बात करेंगे लेकिन 130 मिनट के भाषण में उन्होंने कुछ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि मणिपुर का मुद्दा एक बार फिर बजट सत्र में उठाया जाएगा।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मणिपुर की स्थिति को देखते हुए और मोदी और शाह द्वारा मणिपुर की समस्याओं को नजरअंदाज किए जाने के कारण गांधी ने मणिपुर से भारत न्याय यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया ताकि यहां के हालात को दुनिया के सामने रखा जा सके।
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