केंद्र ने लगाई गेहूं पर स्टॉक लिमिट

आदेश वापस लेने की मांग: संघ

केंद्र ने लगाई गेहूं पर स्टॉक लिमिट

उपभोक्ताओं को भी इससे फायदा नहीं होगा, क्योंकि बाजार में गेहूं की उपलब्धता स्टॉक सीमा होने के कारण कम हो जाएगी। रिटेलर को ऊंचे दामों में माल खरीदकर उपभोक्ता को ऊंचे दामों में माल बेचना पड़ेगा।

ब्यूरो/नवज्योति,जयपुर। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर गेहूं की स्टॉक लिमिट निर्धारित कर दी है। व्यापारी/थोक विक्रेता के लिए 500 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेता (प्रत्येक खुदरा दुकान) के लिए 5 मीट्रिक टन, बड़े चेन रिटेलर (प्रत्यक आउटलेट) के लिए 5 मीट्रिक टन और उनके सभी डिपो पर 500 मीट्रिक टन की सीमा निर्धारित की है तथा मिल मालिकों के लिए महीने भर में पीसे जाने वाले गेहूं का 60 प्रतिशत स्टॉक रखने की बात कही है। यह स्टॉक सीमा 31 मार्च 2024 तक के लिए लागू की 
गई है।

महंगा होने की संभावना
उपभोक्ताओं को भी इससे फायदा नहीं होगा, क्योंकि बाजार में गेहूं की उपलब्धता स्टॉक सीमा होने के कारण कम हो जाएगी। रिटेलर को ऊंचे दामों में माल खरीदकर उपभोक्ता को ऊंचे दामों में माल बेचना पड़ेगा। स्टॉक सीमा लगाने का यह सही समय नहीं है। इस आदेश को वापिस लिया जाना चाहिए।

व्यापारी की खरीद सीमित, किसान परेशान
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि स्टॉक सीमा ऐसे समय में लागू की है जब मण्डियों में नया गेहूं आना प्रारंभ हो जाएगा। गेहूं की स्टॉक सीमा होने के कारण व्यापारी अपनी क्षमता के अनुसार गेहूं नहीं खरीद पाएगा। जिसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि किसान अपना गेहूं लेकर आयेगा और उसे खरीदार उपलब्ध नहीं होने के कारण कम दामों में माल बेचना पड़ेगा। दूसरी ओर संभावित आकलन अनुसार प्रदेश में गेहूं की बुवाई का रकबा घटा हैं, जिससे गेहूं का उत्पादन भी कम होने की संभावना है।

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