पतंगबाजी में सैकड़ों लोग और पक्षी हुए घायल
नि:शुल्क पक्षी उपचार शिविर में आए करीब 400 घायल पक्षी
अकेले एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में ही 50 से ज्यादा घायल पहुंचे।
जयपुर। राजधानी जयपुर के एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी में घायल होकर 200 से ज्यादा लोग इलाज के लिए पहुंचे। इन घायलों में बच्चों की संख्या ज्यादा रही। अकेले एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में ही 50 से ज्यादा घायल पहुंचे। इनमें से 10 मरीज ऐसे हैं जिनके पतंग उड़ाने के दौरान गिरने या लूटने के दौरान टक्कर लगने से सिर में चोट आई है। वहीं 11 लोगों को मांझे से चेहरे, हाथ और गले पर कट लग गए हैं। इसके साथ ही करीब 10 गंभीर मरीजों की पोलीट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया है। ट्रोमा सेंटर के इंचार्ज और आॅर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि हॉस्पिटल में 13 से 15 जनवरी तक के लिए इमरजेंसी में विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी के अलावा एनिस्थिसिया, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और ईएनटी के डॉक्टर्स की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई है। डॉ. धाकड़ ने बताया कि 13 जनवरी से 14 जनवरी देर शाम तक करीब 50 मरीज ट्रोमा सेंटर में पतंगबाजी के दौरान घायल होकर पहुंचे। इसके साथ ही शहर के कांवटिया, जयपुरिया, गणगौरी सहित अन्य निजी अस्पतालों में भी घायल होकर लोग इलाज के लिए पहुंचे।
शहर में लगाए नि:शुल्क पक्षी उपचार शिविर में आए करीब 400 घायल पक्षी
जयपुर में हुई जमकर पतंगबाजी ने सैकड़ों पक्षियों को घायल कर दिया। इस दौरान जयपुर शहर में लगे विभिन्न शिविरों में करीब 400 पक्षियों को लाया गया। कई संगठनों ने शहरवासियों से सुबह छह से आठ और शाम 5 से 7 बजे तक पतंगबाजी नहीं करने का आग्रह किया था, लेकिन शाम 5 बजे के बाद भी जयपुर शहर में जमकर पतंगबाजी के कारण सैकड़ों पक्षी चाइनीज मांझे से घायल हो गए। होप एंड बियोंड एनजीओ और एंजेल आईझ द्वारा लगाए गए नि:शुल्क पक्षी उपचार शिविर में 153 कबूतर, 5 ब्लैक काइट, एक पीकॉक, दो कौआ, एक चील, एक चमगादड़, एक उल्लू, एक बगुले, एक टिटहरी, एक बाज सहित अन्य पक्षियों को घायल अवस्था में लाया गया, जिनका ट्रीटमेंट पशु चिकित्सकों की टीम ने किया। वहीं, रक्षा संस्था, वन विभाग व एचजी फाउंडेशन के मालवीय नगर और अल्बर्ट हॉल स्थित नि:शुल्क शिविर में करीब 84 पक्षी लाए, जिसमें एक कमेडी, एक स्टारलिंग, एक हरियल, दो लैपविंग और अन्य 78 कबूतर आए। इन घायल पक्षियों का इलाज पशु चिकित्सकों की टीम कर रही है। इस दौरान कई अन्य संगठनों की तरफ से भी नि:शुल्क पक्षी उपचार शिविर में कई तरह के घायल पक्षियों को लाया गया।
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