वेटरन्स डे पूर्व सैनिकों और परिजनों के राष्ट्र समर्पण के प्रति कृतज्ञता पर्व : बागड़े
भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने सशस्त्र सेना सम्मान दिवस "वेटरन्स डे" को पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण के प्रति कृतज्ञता पर्व कहा है
जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने सशस्त्र सेना सम्मान दिवस "वेटरन्स डे" को पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के त्याग, बलिदान और राष्ट्र समर्पण के प्रति कृतज्ञता पर्व कहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को चाहिए कि राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कार्य करते उनकी सेवाओं का सम्मान करें।
बागडे सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस पर सेना के सप्तशक्ती प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के۔ एम۔ करियप्पा की सेवाओं को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सैनिक केवल अपने परिवार के बारे में नहीं सोचता बल्कि देश और समाज को सुरक्षित रखने की सदा चिंता करता है। उन्होंने सुप्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की "पुष्प की अभिलाषा" कविता की चर्चा करते हुए कहा कि सैनिक अपने लिए नहीं देश के लिए जीते हैं। उनका सब कुछ राष्ट्र के लिए होता है, इसलिए हमें भी उनके प्रति कृतज्ञ रहकर कार्य करने की सीख लेनी चाहिए।
भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान
इस अवसर पर राज्यपाल बागडे ने देश लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राष्ट्र को दी सेवाओं के लिए भूतपूर्व सैनिकों, अधिकारियों, वीरांगनाओं, वीर माता-पिता एवं वीरता तथा विशिष्ट पदक धारकों को सम्मानित किया। पुष्प चक्र अर्पित कर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि आरंभ में राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों की स्मृति में पुष्प चक्र अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में सैनिकों की शहादत को नमन करते हुए राष्ट्र के प्रति उनके सेवा—समर्पण, त्याग और बलिदान भाव के प्रति अपनी शब्द कृतज्ञता प्रकट की।
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