आदेश के बाद भी कई विद्यालयों में अंकित नहीं शिक्षकों व कर्मचारियों के नाम और पद

शाला दर्पण पोर्टल के साथ विद्यालय परिसर में भी करना होता है अपडेट

आदेश के बाद भी कई विद्यालयों में अंकित नहीं शिक्षकों व कर्मचारियों के नाम और पद

अभिभावकों को विद्यालय के स्टॉफ संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

कोटा। शिक्षा विभाग हाल ही में जारी आदेश में कहा गया था कि सभी राजकीय विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की जानकारी उनके पद, कार्यस्थान के साथ उनके मोबाइल फोन नंबर के साथ शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर भी अपडेट करनी होती है। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को स्कूल के स्टॉफ के बारे में जानकारी रहे। साथ ही अभिभावक को पता रहे कि उनके स्कूल में कौन व्यक्ति शिक्षक पद पर कार्यरत है और कौनसा व्यक्ति प्रशासनिक पद पर कार्यरत है। शिक्षा विभाग की ओर से इस नवाचार को अभिभावकों और विद्यालय के बीच संवाद की दूरी कम कर विद्यार्थियों के बारे में अधिक चर्चा करने के लिए शुरू किया गया था। लेकिन विभाग की ओर से आदेश जारी होने के बाद भी कई विद्यालयों में ये लिस्ट प्रदर्शित ही नहीं है।

कई विद्यालयों में प्रदर्शित नहीं सूचना
शिक्षा विभाग के नवाचार के अनुसार विद्यालय परिसर में सार्वजनिक स्थान पर विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का नाम पद व उनके मोबाइल फोन संख्या प्रदर्शित होना जरूरी है। जिससे अभिभावकों को विद्यालय के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके और वे शिक्षकों व कर्मचारियों से विद्यार्थियों को लेकर चर्चा कर सके। लेकिन शहर के कई विद्यालयों में ये जानकारी प्रदर्शित नहीं है। शहर में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दादाबाड़ी, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इंद्रा गांधी नगर, राजकीय प्रवेशिका उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय प्रेमनगर, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी सहित कई विद्यालयों में मौजूदा शिक्षकों व कर्मचारियों की जानकारी प्रदर्शित नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को विद्यालय के स्टॉफ संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

शाला दर्पण पोर्टल भी दो दिन से बंद
विद्यालयों में जानकारी उपलब्ध ना होने की स्थिति में अभिभावक शाला दर्पण पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं। जिसमें शिक्षक या कर्मचारी द्वारा किन किन स्थानों पर सेवा की गई जैसी जानकारी भी शामिल है। लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से संचालित शाला दर्पण पोर्टल भी दो दिन से जानकारी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि शाला दर्पण पोर्टल खोलने पर एरर बताता है फिर कुछ समय बाद डाटा लोडिंग बताता है। जिससे आवश्यक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

अभिभावकों का कहना है
विद्यालयों में कई बार शिक्षकों और कर्मचारियों से संबंधित जानकारी मांगने पर नहीं मिलती है। सरकार का आदेश है तो विद्यालयों में स्टॉफ से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए। ताकी अभिभावक संबंधित व्यक्ति से चर्चा कर सके।
- प्रमोद नायक, छावनी

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स्कूल में जाते समय कभी शिक्षकों और कर्मचारियों से संबंधित जानकारी कहीं प्रदर्शित नहीं होती है जिससे विद्यालय के स्टॉफ के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती है। सरकार का आदेश के बारे में नहीं पता लेकिन ये जानकारियां सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित होना चाहिए। 
- जितेंद्र कहार, डीसीएम

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विद्यार्थियों का कहना है
विद्यालयों में शिक्षकों की जानकारी तो रहती है लेकिन कर्मचारियों की जानकारी नहीं होती है। कई बार कुछ भी काम करवाते समय कर्मचारियों के बारे में इधर उधर पूछना पड़ता है।
- सोमेश वर्मा, इंद्रा गांधी नगर

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शाला दर्पण के साथ में शिक्षकों की जानकारी विद्यालय परिसर में भी प्रदर्शित होनी चाहिए जिससे हमारे अभिभावकों को भी विद्यालय के स्टॉफ के बारे में जानकारी रहे। 
- प्रदीप रेगर, छावनी

शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को अपने स्टॉफ से जुड़ी समस्त जानकारी शाला पोर्टल पर अपडेट करने के साथ विद्यालय परिसर में भी प्रदर्शित करना जरूरी है। अगर कहीं पर पालना नहीं हो रही है तो उसकी पालना करवाएंगे आवश्यकता पर कारवाई भी करेंगे।
- चारूमित्रा सोनी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, कोटा

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