बरसाती नालों की सफाई पर आचार संहिता का लगा ग्रहण

आचार संहिता में टेंडर नहीं होने से नाले सफाई में हो सकती है देरी

बरसाती नालों की सफाई पर आचार संहिता का लगा ग्रहण

चुनाव आचार संहिता लागू होने से नालों की सफाई समय पर होना मुश्किल ही है।

कोटा। नगर निगम की ओर से हर साल बरसात से पहले बड़े बरसाती नालों की सफाई करवाई जाती है। जिसके लिए चैन माउंटेंड मशीनों के टेंडर किए जाते हैं। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाएगी। जिससे बरसात से पहले नालों की सफाई पर संकट मंडरा सकता है। नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण क्षेत्र में कई बड़े बरसाती नाले हैं। हर साल बरसात से पहले नगर निगम की ओर से उन नालों की सफाई करवाई जाती है। नालों की सफाई के लिए चैन माउंटेंड मशीनों के टेंडर किए जाते हैं। यह कार्य मार्च-अप्रैल में किए जाते हैं। जिससे जून के दूसरे सप्ताह में शुरू होने वाली बरसात से पहले सभी बड़े नालों की सफाई की जा सके। 

मार्च में आचार संहिता, जून तक लागू
इस बार लोकसभा चुनाव होने हैं। जिनकी तारीखों की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में मार्च के दूसरे सप्ताह में ही आचार संहिता लागू हो गई है। इस बार चुनाव 7 चरण में और 1 जून तक होने हैं। साथ ही मतगणना 4 जून को होगी। ऐसे में मार्च से जून तक आचार संहिता लागू रहने से इस दौरान कोई नया टेंडर नहीं किया जा सकेगा। जिससे नालों की सफाई के लिए चैन माउंटेंड मशीनों के टेंडर होने पर भी संकर मंडराने लगा है। 

इन क्षेत्रों में हैं  बरसाती नाले
शहर के उत्तर व दक्षिण निगम क्षेत्र में जवाहर नगर, दादाबाड़ी, महावीर नगर, एयरपोर्ट, झालावाड़ रोड निजी अस्पतालों के सामने, तलवंडी, बजरंग नगर, काला तालाब, चश्मे की बावड़ी, साजी देहड़ा, किशोरपुरा समेत कई बड़े नाले हैं। 

हर साल सफाई फिर भी कचरे से अटे
नगर निगमों द्वारा नालों की सफाई पर हर साल लाखों करोडों रुपए खर्ब किए जा रहे हैं। एक से डेढ़ महीने तक नालों की गहराई तक सफाई कर सैकड़ों डम्पर कचरा व मलबा निकाला जा रहा है। उसके बाद भी हालत यह है कि शहर का कोई भी बरसाती नाला ऐसा नहीं है जो कचरे से अटा हुआ नहीं हो। जवाहर नगर से लेकर किशोरपुरा साजी देहड़ा तक के नालों में कचरे का अम्बार है। यहां तक कि साजी देहड़ा नाले के तो मोखे तक जाम हो गए हैं। जिन्हें कुछ समय पहले ही साफ कर खोला गया था। 

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कचरा रोकथाम की व्यवस्था नहीं
जवाहर नगर व साजी देहड़ा समेत अधिकतर नालों में कचरा जाने से रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जवाहर नगर निवासी देवेद्र राही ने बताया कि निगम हर साल लाखों रुपए नालों की सफाई पर खर्च कर रही है। लेकिन कोचिंग एरिया व हॉस्टल इलाका होने से उनका कचरा नालों में डाला जा रहा है। निगम की ओर से उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोई व्यवस्था ही नहीं है।  दादाबाड़ी निवासी हसन अली ने बताया कि सभी नाले खुले हुए हैं। आते-जाते लोग भी उनमें कचरा डाल जाते हैं। नगर निगम की ओर से साजी देहड़ा नाले पर रैलिंग लगाई गई है लेकिन फिर भी लोग नालों में कचरा डाल रहे हैं। निगम की ओर से उन पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। 

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चलते काम ही रोक दिए, नया काम क्या होगा
नगर निगम कोटा दक्षिण के उप महापौर व सफाई समिति के अध्यक्ष पवन मीना ने बताया कि कोटा दक्षिण में अधिकारियों का ढर्रा बिगड़ता जा रहा है। श्वान शाला, बंदर पकड़ने व मवेशी पकड़ने और मुर्दा मवेशी उठाने समेत कई चलते हुए कामों को ही रोक दिया गया है। ऐसे में नालों की सफाई के नए टेंडर होने की सभावना कम ही नजर आती है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से नालों की सफाई समय पर होना मुश्किल ही है। 

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चुनाव को देखते हुए पहले की किए टेंडर
नगर निगम कोटा उत्तर के स्वास्थ्य अधिकारी तनुज शर्मा ने बताया कि लोकसभा चुनाव की तारेखों का पहले से ही अंदाजा लग  गया था। ऐसे में टेंडर प्रक्रिया में व्यवधान नहीं हो। उसे देखते हुए कुछ समय पहले ही नाले सफाई के लिए चैन माउंटेंड मशीनों के टेंडर कर लिए हैं और कार्यादेश भी जारी किए जा चुके हैं। जिससे समय आने पर उनसे काम कराया जा सकेगा।  वहीं नगर निगम कोटा दक्षिण की स्वास्थ्य अधिकारी रि चा गौतम ने बताया कि एआरसी के तहत टेंडर पहले ही करवाए जा चुके हैं। उससे ही नालों की सफाई करवाई जाएगी। साथ ही निगम की जेसीबी मशीनों से नालों की सफाई का कार्य किया जाएगा। प्रयास रहेगा कि समय पर नालों की सफाई शुरू करवाई जा सके।  

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