सीवरेज पर लाखों रुपए लगाए, फिर पुराने ढर्रे पर आए
रिवर फ्रंट की तरफ नाले में डाला जा रहा पानी
ओपन ड्रेन बनाकर की जाएगी सीवरेज पानी की निकासी।
कोटा। नगर निगम कोटा उत्तर के वार्ड 36 करबला में डाली गई सीवरेज लाइन के जाम होने से मकानों को हुए नुकसान को देखते हुए अब नगर विकास न्यास की ओर से उस गलती को सुधारा जा रहा है। सीवरेज लाइन डालने पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद फिर से पुराने ढर्रे पर आना पड़ा। चम्बल रिवर फ्रंट निर्माण के दौरान करबला में फोर्ट वाल के ऊपर बने मकानों के गंदे पानी को चम्बल नदी में जाने से रोकने के लिए नगर विकास न्यास की ओर से करबला क्षेत्र में सीवरेज लाइन डाली गई थी। जल्दबाजी में डाली गई लाइन के दौरान कई तरह की कमियां रहने से उसका खामियाजा उस क्षेत्र में रहने वाले करीब 100 से अधिक परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। सीवरेज लाइन व चैम्बरों के जाम होने से अधिकतर मकानों में दरारें आ गई है। ऐसे में अब न्यास प्रशासन उस गलती को फिर से सुधारने में जुटा है।
रिवर फ्रंट की तरफ नाले में निकास
अभियंता बंशीवाल ने बताया कि पानी की निकासी का कोई स्थान नहीं होने से चम्बल रिवर फ्रंट की तरफ फोर्ट वाल का कुछ हिस्सा तोड़कर वहां से पानी की निकासी की जा रही है। हालांकि उस पानी को रिवर फ्रंट की तरफ बने नाले में मिलाया गया है। जिससे गंदा पानी सीधे न तो नदी में जाएगा और न ही उससे किसी तरह का कोई नुकसान होगा।
जाम चैम्बर किए साफ, अब ओपन ड्रेन
नगर विकास न्यास के अधिशाषी अभियंता भूपेन्द्र बंशीवाल ने बताया कि सीवरेज के जो चैम्बर जाम हो रहे थे उन्हें मेनुअल साफ कराया गया है। साथ ही उन चैम्बर के पानी को पहले तो वैकल्पिक रूप से निकाला गया। अब उसके स्थान पर ओपन ड्रेन बनाई जा रही है। पाइप बार-बार जाम होने का स्थायी समाधान किया जा रहा है। जितनी एरिया में लाइन व चैम्बर जाम होने की समस्या था उन पाइपों को निकालकर वहां आरसीसी की नालीनुमा ओपन ड्रेन बनाई जा रही है। जिसका ढकान कर दिया जाएगा। जिससे पानी की निकासी आसानी से हो सकेगी। साथ ही बरसात के समय आने वाला पानी भी यहां जमा नहीं हो सकेगा। वह भी इस ड्रेन के माध्यम से सीधा निकाल जाएगा।
बाद में होगी मकानों की मरम्मत
अभियंता बंशीवाल ने बताया कि न्यास की ओर से करवाए गए सर्वे में जिन मकानों को अधिक नुकसान हुआ है उनकी मरम्मत करवाने के लिए टीम मौके पर गई थी। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले सीवरेज जाम की समस्या का समाधान किया जाए। उसके बाद मकानों को सही करवाना। ऐसा नहीं करने से फिर से मकानों को नुकसान होने की संभावना है। बंशीवाल ने बताया कि लोगों की बात को मानते हुए पहले सीवरेज जाम की समस्या का समाधान किया जा रहा है। यह काम पूरा होने के बाद ही मकानों की मरम्मत का काम भी कराया जाएगा।
लाखों रुपए खर्च किए, काम भी नहीं आए
इधर करबला क्षेत्र निवासी मोहम्मद जाकिर हुसैन ने बताया कि न्यास ने करीब एक -डेढ़ साल पहले यहां सीवरेज लाइन डाली थी। जिस पर करीब 70 लाख रुपए से अधिक का खर्चा होना बताया जा रहा है। हालत यह है उसके बाद यहां लोगों को फायदा तो हुआ नहीं मकानों में दरारे आने से हर व्यक्ति का नुकसान जरूर हुआ है। साथ ही मकानों की हालत के कारण उनमें रहने पर ही डर का साया बना हुआ है।
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