उत्पाती बंदर, शहर के अंदर, अब पकड़ेंगे मथुरा के धुरंधर

नगर निगम कोटा दक्षिण ने किए बंदर पकड़ने के टेंडर

उत्पाती बंदर, शहर के अंदर, अब पकड़ेंगे मथुरा के धुरंधर

गौरतलब है कि पूर्व में भी इसी फर्म के पास बंदर पकड़ने का ठेका था।

कोटा। नगर निगम द्वारा हर साल बंदरों को पकड़ने पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उसके बाद भी शहर में बंदरों की संख्या कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में एक बार फिर से  बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से ही टीम कोटा आएगी। नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा पूर्व में बंदर पकड़ने का किया गया टेंडर समाप्त हो गया था। उसके बाद समय से उसका दोबारा टेंडर नहीं किया। जिससे लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण टेंडर नहीं हो सका था। आचार संहिता  हटत ही अटके टेंडरों की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। निगम ने अब  शहर से उत्पाती बंदर पकड़ने का टेंडर किया है।  टेंडर में फिर से मथुरा के देहली गेट छाता निवासी इमामुद्दीन की फर्म को ही शहर से बंदर पकड़ने का टेंडर दिया गया है।  

शिकायतें अधिक होने पर आती है टीम
नगर निगम की ओर से मथुरा की फर्म को बंदर पकड़ने का ठेका तो दिया जाता है। लेकिन संवेदक की टीम कोटा में नहीं रहती। शहर में जहां से भी बंदरों के उत्पात की शिकायतें नगर निगम में आती हैं। निगम के जन स्वास्थ्य अनुभाग द्वारा उन शिकायतों के आधार पर संवेदक को सूचना दी जाती है। उस सूचना पर संवेदक के कर्मचारी मथुरा से आते हैं। वे यहां कुछ दिन रूककर उन क्षेत्रों में पिंजरे लगाकर बंदरों को पकड़ते हैं। उसके बाद वे वापस चले जाते हैं। ऐसा महीने में एक दो बार ही होता है। 

490 रुपए प्रति बंदर में हुआ टेंडर
नगर निगम की ओर से एक साल के लिए किए गए टेंडर में नेगोसिएशन के बाद 490 रुपए प्रति बंदर के हिसाब से पकड़ने का टेंडर हुआ है। नगर निगम की ओर से संवेदक को दर स्वीकृति आदेश जारी किया है। जिसमें संवेदक को तीन दिन में प्रतिभूति राशि निगम कोष में जमा करवाने को कहा गया है। संवेदक द्वारा राशि जमा करवाने पर निगम की ओर से फर्म को बंदर पकड़ने का कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में भी इसीे फर्म के पास बंदर पकड़ने का ठेका था। 

टीम कोटा में रहकर ही पकड़े बंदर
नगर निगम कोटा दक्षिण के पार्षद देवेश तिवारी व ऐश्वर्य श्रृंगी का कहना है कि शहर में बंदर अधिक है। ऐसे में उन्हें पकड़ने वाली टीम के कोटा में ही रहकर पकड़े जाने चाहिए। कभी-कभी टीम के आने से बंदर पूरी तरह से समाप्त नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जब हर साल टेंडर होते हैं तो उनके पूरा होने से पहले ही नए टेंडर किए जाने चाहिए। जिससे बंदर पकड़ने का सिलसिला लगातार चलता रहे। अब कई महीने बाद टेंडर हुए हैं तो इस दौरान फिर से बंदरों की संख्या बढ़ गई है। इधर नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता में टेंडर नहीं हो सकते थे। अब आचार संहिता हटने के बाद फिर से टेंडर  किए जा रहे हैं। अभी बंदर पकड़ने के लिए संवेदक को दर स्वीकृति आदेश जारी किया है। उसके द्वारा प्रतिभूति राशि जमा करवाने पर कार्यादेश जारी किया जाएगा। मथुरा की फर्म ही कई सालों से बंदर पकड़ने का काम कर रही है। इस बार भी उसी की दर स्वीकृत हुई है। शीघ्र ही बंदर पकड़ना शुरु कर दिया जाएगा। 

Read More नए जिलों को लेकर सरकार जल्द ले सकती है फैसला

दरा और रावतभाटा के जंगल में छोड़े जाते हैं बंदर
संवेदक इमामुद्दीन का कहना है कि उनके द्वारा कोटा में पिछले कई सालों से बंदर पकड़े जा रहे हैं। इन बंदरों को शहर से दूर दरा और रावतभाटा के जंगलों  में छोड़ा जाता है। शहर में बंदरों की संख्या इतनी अधिक है कि वे सभी तो पकड़े नहीं जाते। जहां अधिक होते हैं वहां से पकड़ते  हैं। जो बंदर रह जाते हैं उनकी संख्या फिर से बढ़ जाती है। बंदरों की अधिक संख्या नयापुरा में सीबी गार्डन क्षेत्र में है। नए कोटा में रंगबाड़ी व गोदावरी धाम की तरफ है। 

Read More विश्व स्काउट कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए निर्मल पंवार

Post Comment

Comment List

Latest News

राजस्थान में रिफाइनरी का काम तय समय-सीमा में पूरा किया जाना चाहिए: गहलोत राजस्थान में रिफाइनरी का काम तय समय-सीमा में पूरा किया जाना चाहिए: गहलोत
उन्होंने कहा कि अब राज्य और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है लेकिन गत मई तक रिफाइनरी का 79...
चांदी दो हजार रुपए और जेवराती सोना पांच रुपए सस्ता
युद्धाभ्यास तरंगशक्ति 2024 : सूर्यकिरण को देख शहरवासी अचंभित
आईएनए सोलर को राजस्थान बिजनेस समिट 2024 में सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग में उत्कृष्टता का अवार्ड
जम्मू-कश्मीर में शांति के बिना पाकिस्तान से बातचीत का सवाल ही नहीं : अमित शाह
गणेश जी को सोने का वर्क धारण करवाया, प्रथम पूज्य की सजी 56 भोग की झांकी 
राजस्थान स्टेट गैस द्वारा गैल गैस को 32.50 लाख का लाभांश