कोटा को सुंदर बनाने वाले पेड़ गिन रहे अंतिम सांसें
लाखों के पेड़ पौधे लापरवाही का बन रहे शिकार, सिंचाई हो रही न देखभाल
वहीं यूआईटी की ओर से इतनी भीषण गर्मी होने के बावजू भी इन पौधों में पानी की सिंचाई नहीं की जा रही है। जो समस्या को ओर बढ़ा रहा है।
कोटा । शहर के सौंदर्यकरण के दौरान चौराहों को विकसित करने के साथ ही शहर के लगभग सभी मार्गों पर बने डिवाइडरों पर पौधे लगाए गए थे। जिनका उद्देश्य शहर की हरियाली को बढ़ाने का था। लेकिन दो साल पहले लगाए गए हजारों पौधों में से शहर के अधिकतर पौधे अब सूख चुके हैं, जो बाकि बचे हैं वो भी धीरे धीरे सूख रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कोटा की सड़कों के सभी डिवाइडरों पर हरियाली की गई थी। जिस दौरान देश विदेश से कई प्रकार के पौधे मंगाकर लगाए गए थे। वहीं यूआईटी की ओर से इतनी भीषण गर्मी होने के बावजू भी इन पौधों में पानी की सिंचाई नहीं की जा रही है। जो समस्या को ओर बढ़ा रहा है।
बूंदी रोड से अनंतपुरा चौराहा तक सूखे पौधे
शहर में बूंदी रोड से नयापुरा चौराहे तक डिवाइडरों पर लगे लगभग सारे पौधे सूख चुके हैं। जिनमें छोटे से लेकर बड़े पौधे तक शामिल हैं। साल 2022 में यूआईटी की ओर से शहर के सभी डिवाइडरों पर लगे छोटे और पूराने पौधों को हटाकर उनके स्थान पर नए पौधे लगाने की योजना बनाई थी जिसके तहत शहर में अलग अलग किस्म के करीब 2 लाख पौधे लगाए गए थे। लेकिन वर्तमान में इन सभी पौधों की हालत बिल्कुल खराब हो चुकी है। साथ ही कई पौधे तो मर चुके हैं। यही हालात बारां रोड के जहां भी डिवाइडरों में पहले पौधे लग नहीं पाए और अब लगने के बाद उनमें पर्याप्त पानी नहीं डालने से वो भी सूख रहे हैं।
चौराहों पर लगाए पेड़ भी सूखे
डिवाइडरों पर पौधे लगाने के साथ यूआईटी की ओर से शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर पाम के पेड़ लगाए गए थे। जिसमें सबसे ज्यादा एयरोड्रॉम चौराहे और अनंतपुरा पुलिस थाने के सामने और अभय कमांड सेंटर के सामने लगाए गए थे। जहां इन स्थानों पर अब पेड़ों का बस सूखा तना नजर आ रहा है, पेड़ बिल्कुल गायब हो चुके हैं। इसी तरह एयरोड्रॉम सर्किल पर भी सारे पेड़ सुख चुके हैं। चौराहे से डीसीएम की ओर जाने वाले मार्ग पर यूआईटी ने पौधों की सुरक्षा के लिए जाली भी लगाई हुई है लेकिन पौधा एक भी नहीं बचा।
इनका कहना है
पौधों के सूखने का मुख्य कारण भीषण गर्मी है, वर्तमान में जल समस्या के कारण पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पा रही है। अन्यथा सिंचाई पर्याप्त रूप से होती है वहीं जिन भी इलाकों में समस्या है वहां ठेकेदार को पानी की सिंचाई करने के निर्देशित करेंगे।
- कुशल कोठारी, सचिव, यूआईटी, कोटा
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