Junior Summer Program के बच्चों ने गुरुओं से सीखे सबक को उतारा मंच पर
पौने नौ मात्रा में निबद्ध गणेश वंदना से उन्होंने सुरीले सफर की शुरुआत की।
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित जूनियर समर प्रोग्राम (कैम्प) में बच्चों का जोश देखते ही बनता है। अब सिलसिला शुरू हो गया है गुरुओं से सीखे सबक को मंच पर प्रस्तुत करने का। संगीत विधा के प्रतिभागियों ने अपने हुनर से मंच को सजाया। 100 से अधिक बच्चों ने गायन, पियानो, वायलिन, कथक, लोक नृत्य की दी प्रस्तुति। भविष्य के कलाकारों की प्रस्तुति देख बच्चों के परिजनों और कला प्रेमियों के चेहरे पर खुशी छा गयी।
रचनात्मक दुनिया में पहुंचे आगंतुक
रंगायन के बाहर फोयर एरिया में प्रवेश करते ही आगंतुक बच्चों के रचनात्मक संसार में पहुंच गए। फोटोग्राफी एक्सपर्ट संजय कुमावत के निर्देशन में हुनर सीखने वाले प्रतिभागियों की फोटोज की यहां प्रदर्शनी लगायी गयी। इसी के साथ हरिशंकर बालोठिया, मनीषा कुलश्रेष्ठ—अंशु हर्ष—नवीन चौधरी, आशीमा चौधरी के निर्देशन में क्रमश: कैलीग्राफी, क्रिएटिव राइटिंग—आर्ट ऑफ एक्सप्रेशन, मोजेक के गुर सीखने वाले प्रतिभागियों के आर्टवर्क भी यहां प्रदर्शित किए गए।
रंगायन में गायन के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ। नन्हें सुर साधकों ने सधे स्वरों में भजन व फिल्मी गीत गाए। पौने नौ मात्रा में निबद्ध गणेश वंदना से उन्होंने सुरीले सफर की शुरुआत की। 'जानकी नाथ सहाय करे' उन्होंने माहौल को आध्यात्मिक बनाया। गुरु डॉ. गरिमा कुमावत ने भी बच्चों के साथ मंच साझा किया। सुनील सिंह तंवर ने तबला और राजेंद्र मेवाल ने हारमोनियम पर संगत की। इसके बाद नन्हें कलाकारों ने पियानो पर अंगुलियों की अठखेलियां दिखाई। उन्होंने सूरज की गर्मी, नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया, लकड़ी की काठी, बिलीवर आदि गीतों की धुन बजाई।
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