53 साल बाद दो दिवसीय भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, रथयात्रा के लिए पुरी में उमड़े लाखों श्रद्धालु

पुरी रथयात्रा में भगदड़ से एक की मौत, पांच घायल

53 साल बाद दो दिवसीय भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, रथयात्रा के लिए पुरी में उमड़े लाखों श्रद्धालु

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलवद्र और देवी सुभद्रा की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा देखने के लिए देश भर से लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े।  

पुरी। 53 साल बाद इस साल पुरी की रथयात्रा दो दिनों की है। यात्रा का पहला दिन सूर्यास्त के साथ रविवार को पूरा हो गया है। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ रुक गए हैं। अब रात की पूजा और सोमवार सुबह की पूजा रथों पर ही होगी।

सोमवार सुबह नियमित पूजा-पाठ के बाद करीब 9 बजे से रथयात्रा फिर शुरू होगी। सुबह भगवान की मंगला आरती 4 बजे होगी।  इसके बाद सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी का भोग-प्रसाद लगाया जाएगा। सबसे पहले बलभद्र का रथ खींचा गया है। इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ जी का रथ खींचा गया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी भक्तों के साथ सुभद्रा का रथ खींचा। भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलवद्र और देवी सुभद्रा की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा देखने के लिए देश भर से लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े।  

ओडिशा की तीर्थनगरी पुरी में रविवार को श्रीजगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भगवान बलवद्र और उनकी बहन देवोई सुभद्रा की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान भगदड़ में एक श्रद्धालु की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए, जिनमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना उस समय  घटी जब भगवान बलभद्र के तालध्वज के रथ को खींचने के लिए भक्तों में होड़ मच गई।

सूत्रों ने बताया कि भगदड़ हिंदी स्कूल के पास हुई, जहां एक 60 वर्षीय व्यक्ति बेहोश हो गया, उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घायल पांच अन्य श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

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