उदयपुर की डीआईजी स्टॉम्प्स की डेंगू से मौत
राजस्थान में डेंगू से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। एक जनवरी से अब तक प्रदेश में 5301 डेंगू पॉजिटिव मरीज चिकित्सा विभाग के आंकड़ों में दर्ज हो चुके हैं।
उदयपुर। उदयपुर की आरएएस ऑफिसर तरु सुराणा (42) की डेंगू से मौत हो गई। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। वर्तमान में वे पंजीयन और मुद्रांक विभाग में उप महा निरीक्षक के पद पर कार्यरत थीं।
उनके भाई शुभव ने बताया कि 6 सितंबर को उन्हें तेज बुखार आना शुरू हुआ था। 4 दिन उन्होंने घर पर ही इलाज लिया। 11 सितंबर को जब उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो शहर के ही गीतांजलि हॉस्पिटल में चेकअप कराया। यहां जांच में पता चला कि उन्हें डेंगू है। इसके बाद 13 सितंबर को गीतांजलि हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। उनकी प्लेटलेट्स नहीं गिरी थी, लेकिन बुखार लगातार बना हुआ था।
जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से सम्पर्क किया। 18 सितंबर को एमजीएम हॉस्पिटल की टीम गीतांजलि हॉस्पिटल पहुंची और उसी दिन उन्हें एयर लिफ्ट कर चेन्नई ले गए थे।
2012 में आरएएस बनी
तरु सुराणा सन्-2012 में आरएएस बनी, वे राजसमंद में सहायक कलक्टर, राजसमंद के आमेट में एसडीएम, बांसवाड़ा के गढ़ी में एसडीएम, राजसमंद के रेलमगरा में एसडीएम, उदयपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर, यूआईटी उदयपुर में एलएओ, आरएसएमएम उदयपुर में सीनियर मैनेजर और टीआरआई उदयपुर में डायरेक्टर के पद पर रह चुकी हैं।
प्रदेश में डरा रहा डेंगू, अब तक 5300 से ज्यादा मरीज मिले पॉजिटिव
राजस्थान में डेंगू से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। एक जनवरी से अब तक प्रदेश में 5301 डेंगू पॉजिटिव मरीज चिकित्सा विभाग के आंकड़ों में दर्ज हो चुके हैं। दस दिनों में एक हजार से ज्यादा डेंगू पॉजिटिव मरीज इन दस दिनों में सामने आए हैं। वहीं उदयपुर में आरएएस अफसर की डेंगू से मौत हो गई। इससे पहले चूरू में डेंगू पॉजिटिव महिला की एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पहले पाली में एक बिजनेसमैन, कोटा में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की स्टूडेंट, दौसा में सरकारी डॉक्टर, जयपुर में पांच वर्ष की बच्ची की निजी अस्पताल में और बांसवाड़ा में 37 वर्षीय युवक डेंगू के कारण दम तोड़ चुका है। हालांकि चिकित्सा विभाग के अधिकारिक आंकड़ों में डेंगू से अब तक सिर्फ दो ही मौतें दर्ज की गई है। इनमें एक कोटा और एक जयपुर ग्रामीण में हुई है।
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