अब बिना तार के घर-घर दौड़ेगी बिजली!
अमेरिका ने माइक्रोवेव से 1 किमी तक भेजी 1.6 किलोवाट इलेक्ट्रिसिटी
यूएस नेवल रिसर्च लेबोरेटरी ने किया परीक्षण
वॉशिंगटन। अमेरिका ने बिना तार के बिजली सप्लाई करने का कारगर तरीका खोज लिया है। इससे बिजली की आपूर्ति करने के लिए किसी ओवरहेड या अंडरग्राउंड वायर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तकनीक का सफल परीक्षण करते हुए अमेरिका ने एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक 1.6 किलोवाट बिजली की सप्लाई की है। बिना तार के बिजली सप्लाई करने का विचार लगभग 100 साल पुराना है। दुनियाभर के कई देशों में बिना तार के बिजली पहुंचाने को लेकर कई प्रोजक्ट भी चलाए गए हैं, पर किसी को भी पूर्ण रूप से सफलता नहीं सकी है।
यूएस नेवल रिसर्च लेबोरेटरी ने किया परीक्षण
यूएस नेवल रिसर्च लेबोरेटरी ने मैरीलैंड में यूएस आर्मी रिसर्च फील्ड में माइक्रोवेव बीम का उपयोग करके एक किलोमीटर (3,280 फीट) से अधिक 1.6 किलोवाट बिजली को पहुंचाया। इस परियोजना में शामिल वैज्ञानिक ने बताया कि इसका सिद्धांत काफी सरल है। बिजली को माइक्रोवेव में परिवर्तित किया जाता है, जिसे बाद में रेक्टेना एलिमेंट से बने रिसीवर पर एक बीम में केंद्रित किया जाता है। ये बहुत ही सरल घटक हैं, जिनमें एक आरएफ डायोड के साथ एक एक्स-बैंड डाईपोल एंटीना होता है। जब माइक्रोवेव रेक्टेना से टकराते हैं, तो एलिमेंट करंट उत्पन्न करते हैं।
व्यावहारिकता की हो रही है जांच
अडवांस कॉन्सेप्ट ग्रुप के प्रमुख क्रिस्टोफर रोडेनबेक के नेतृत्व में एनआरएल टीम को रक्षा विभाग ने एक सेफ एंड कन्टिन्यूअस पावर बीमिंग- माइक्रोवेव प्रोजक्ट को विकसित करने का काम सौंपा था। उनका मिशन इस तरह की तकनीक और उसकी व्यवहारिकता का पता लगाना था।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक संदेह के बावजूद, माइक्रोवेव बीमिंग आश्चर्यजनक रूप से कुशल साबित हुई है। ऐसे में इस तकनीक पर आगे भी काम किया जाएगा।
150 साल पहले की थी परिकल्पना
1890 के दशक में सबसे पहले टेस्ला ने ही बिना तार के पावर की सप्लाई की परिकल्पना की थी। इसके लिए उन्होंने टेस्ला कॉइल नाम की एक ट्रांसफार्मर सर्किट पर काम भी किया था, जो बिजली को पैदा करता था, लेकिन वह यह साबित नहीं कर सके कि वह लंबी दूरी पर बिजली के एक बीम को नियंत्रित कर सकता है।
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