मोदी कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को दी मंजूरी
25 साल की नौकरी पर 50 फीसदी पेंशन, एक अप्रैल 2025 से होगी लागू
23 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को मिलेगा लाभ, मृत्यु पर पत्नी को मिलेगी 60 फीसदी पेंशन, कर्मचारियों पर इस स्कीम का भार नहीं पड़ेगा
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम की जगह एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी है। यह स्कीम एक अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और इससे लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। यूपीएस के तहत दस साल नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाएगी। वहीं मोदी कैबिनेट ने 12वीं के बाद फेलोशिप के साथ-साथ बायो ई-3 पॉलिसी को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत बायोटेक आॅफ इकनॉमी, एनवायरनमेंट और इम्प्लॉयमेंट पर फोकस किया जाएगा।
दस साल नौकरी पर 10 हजार की पेंशन
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने बताया कि दस साल सर्विस करने वाले को 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी कर्मचारियों की सेवा के दौरान अगर मौत हो जाती है, तो उनकी पत्नियों को 60 फीसदी पेंशन दी जाएगी। सरकार ने कहा कि उसके फैसले को राज्य सरकार भी लागू कर सकती हैं, कर्मचारियों पर इस स्कीम का भार नहीं पड़ेगा। वैष्णव ने बताया कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, अगर किसी पेंशनदाता को मौत होती है तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा।
एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प
वैष्णव ने कहा कि सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प मिलेगा, यह उन सभी पर भी लागू होगा जो एनपीएस की शुरुआत से ही इसके तहत सेवानिवृत्त हुए हैं या सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार इसके लिए बकायदा एरियर का भुगतान करेगी, जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हुए हैं उनको भी इसका लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान पेंशन योजना के अनुसारए कर्मचारी 10 फीसदी योगदान करते हैं जबकि केंद्र सरकार 14 फीसदी योगदान करती हैए जिसे यूपीएस के साथ बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया जाएगा।
योजना में क्या खास
- इस पेंशन के हकदार वही होंगे जो कम से कम 10 साल नौकरी करेंगे।
- रिटायर होने पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान भी किया जाएगा।
- महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा।
- कर्मचारियों को अंशदान करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी वहन करेगी।
- हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन, वेतन, डीए का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
एनपीएस से कैसे अलग है यह स्कीम
अभी पेंशन के लिए कर्मचारियों को एनपीएस में बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है। इसमें सरकार अपनी ओर से 14 फीसदी हिस्सा सरकार अपनी ओर से देती है। अब यूपीएस में कर्मचारी को कोई भी अंशदान नहीं देना होगा। सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी हिस्सा देगी।
पीएम ने बताया गर्व
इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट कर सरकारी कर्मचारियों पर गर्व जताया। उन्होंने कहा, देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विज्ञान धारा योजना मंजूर
मोदी कैबिनेट ने 10,579 करोड़ की लागत से विज्ञान धारा योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के पांच स्तंभ है। अब 11वीं और 12 वीं क्लास में इंटर्नशिप, फेलोशिप फॉर यूजी (अंडर ग्रेजुएट), पीजी पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी और पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च की व्यवस्था की जाएगी। इस नई पॉलिसी का मकसद अंतरराष्ट्रीय सहयोग और रिसर्च को बढ़ावा देना हैए इसके तहत ज्वाइंट रिसर्च फेलोशिप और ज्वाइंट फेलोशिप दी जाएगी, जिसका मकसद सोसायटी को फोकस करने वाले क्षेत्रों पर केंद्रित करना जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रोडक्ट डवलपमेंट, क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों होंगे।
मोदी कैबिनेट ने 10,579 करोड़ की लागत से विज्ञान धारा योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के पांच स्तंभ है। अब 11वीं और 12 वीं क्लास में इंटर्नशिप, फेलोशिप फॉर यूजी (अंडर ग्रेजुएट), पीजी पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी और पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च की व्यवस्था की जाएगी। इस नई पॉलिसी का मकसद अंतरराष्ट्रीय सहयोग और रिसर्च को बढ़ावा देना हैए इसके तहत ज्वाइंट रिसर्च फेलोशिप और ज्वाइंट फेलोशिप दी जाएगी, जिसका मकसद सोसायटी को फोकस करने वाले क्षेत्रों पर केंद्रित करना जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रोडक्ट डवलपमेंट, क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों होंगे।
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