श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कल, कृष्णमय है गुलाबी नगरी का कोना-कोना
गोविंद देवजी से आज भी जाता है भोग का थाल, प्रसाद ग्रहण करके ही राजपरिवार के लोग भोजन करते हैं। मुगलकाल में जब-जब संकट आया, राजघराने ने दिखाई अटूट श्रद्धा।
जयपुर। भगवान कृष्ण के मंदिरों पर जब जब संकट आया तब तब जयपुर के राजा महाराजाओं ने उनकी हिफाजत करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। पूरी दुनिया से लोग इन मंदिरों में दर्शन करने के आ रहे हैं। राधा गोविंद देवजी, मदन मोहन मंदिर करौली, राधा गोपीनाथ मंदिर पुरानी बस्ती, राधामाधव मंदिर कनक घाटी, माधोबिहारी मंदिर स्टेशन रोड, मदन गोपाल मंदिर चौड़ा रास्ता के मंदिरों में विराजित मूल विग्रहों को जयपुर नरेश ने पूरी सुरक्षा के साथ लाकर मंदिरों में विराजमान किया। इन्हीं में से एक है जयपुर के आराध्य देव राधागोविंद देवजी का मंदिर। यह जयपुर राजपरिवार की श्रीकृष्ण के प्रति अटूट भक्ति का यह अनमोल उदाहरण है। भगवान के प्रति उनकी आस्था व विश्वास को दर्शाता है। राधागोविंद गोविंद देवजी मंदिर से आज भी भोग का थाल सिटी पैलेस जाता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही लोग भोजन ग्रहण करते हैं। सिटी पैलेस से जरदौजी एवं जरी वाली कलाबूत की चमकीली राखियां रक्षाबंधन पर्व पर गोविंद देवजी मंदिर भेजी जाती है।
औरंगजेब के समय वृन्दावन से जयपुर आए गोविन्द
राधा गोविंद देवजी की मूल प्रतिमा पहले वृंदावन के मंदिर में विराजमान थी। यह मंदिर आमेर के नरेश मानसिंह प्रथम ने वृंदावन में बनवाया है। इस मंदिर में राधारानी को उड़ीसा से लाकर विराजमान किया था। राधारानी का मूल स्वरुप आज भी वृंदावन में विराजित है। मुगल शासक औरंगजेब के आक्रमण के बाद चैतन्य महाप्रभु के शिष्य शिवराम गोस्वामी राधागोविन्द को बैलगाड़ी में बैठाकर सबसे पहले सांगानेर के गोविंदपुरा में पहुंचे थे। आमेर के नरेश मानसिंह प्रथम ने गोविंदपुरा को गोविंद देवजी की जागीर में दे दिया था। इसके बाद कनकघाटी, सिटी पैलेस होते हुए राधा गोविंद अपने भव्य मंदिर में विराजित हुए थे।
गोविंद देवजी जयपुर राजघराने के राजा हैं। जयपुर के आराध्यदेव हैं। राजपरिवार ने गोविंद देवजी का सेवक बनकर राज किया है। महाराजा माधोसिंह द्वितीय अपने हर फरमान को जारी करते वक्त फरमान के सबसे ऊपर हुकम गोविंद का कलम महाराजा माधोसिंह की। इसके बाद अपने दस्तखत करते थे। इससे पता चलता है कि वे गोविंद के अनन्य भक्त थे।
रामू रामदेव वरिष्ठ चित्रकार एवं कला, संस्कृति ओएसडी सिटी पैलेस जयपुर
द्वापर काल के छह में से चार योग भी रहेंगे
रोहिणी नक्षत्र दोपहर 3.55 मिनट से अगले दिन दोपहर 3.38 मिनट तक
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को विशेष संयोग में मनेगी। इस बार स्मार्त और वैष्णव सम्प्रदाय एक साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। द्वापर काल में जब भगवान कृष्ण का अवतार हुआ था तो छह 6 विशेष संयोग बने थे। उनमें से 4 योग इस बार जन्माष्टमी पर बनेंगे। बंशीधर ज्योतिष पंचांग के निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी अर्द्धरात्रि बाद एक ही दिन होने के कारण स्मार्त और वैष्णव सम्प्रदाय के लोग जन्माष्टमी पर्व एक साथ मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र के साथ जन्माष्टमी पर सूर्य सिंह राशि में, चंद्रमा वृष राशि में उच्च का और शनि अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान होने से यह संयोग इस पर्व की महत्ता को बढ़ा रहे हैं। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था, तब अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के साथ वृष राशि में चन्द्रमा था। पाल बालाजी संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन गजकेसरी और शश योग भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 3.55 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 27 अगस्त को दोपहर 3.38 मिनट तक रहेगा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है।
कृष्ण जन्माष्टमी: यातायात की विशेष व्यवस्था
कहां होंगे वाहन पार्क, किस तरह जाना होगा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व 26 मई को श्रीगोविन्द देवजी मंदिर, अक्षय पात्र मंदिर, इस्कॉन मंदिर में जनसमूह को देखते हुए यातायात पुलिस ने यातायात की विशेष व्यवस्था की है। कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान चांदपोल गेट, न्यूगेट, अजमेरी गेट, सांगानेरी गेट, रामगंज चौपड़ और जोरावर सिंह गेट से परकोटे में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। चारदीवारी में संचालित होने वाली बसों का प्रवेश निषेद्य रहेगा। इन बसों का संचालन सामानान्तर मार्गों से किया जाएगा।
गोविन्ददेवजी आने वाले दर्शनार्थी कहां करेंगे वाहन पार्क
दर्शनार्थी अपने वाहन भूमिगत पार्किंग चौगान स्टेडियम, जलेबी चौक, सब्जी मण्डी जनता मार्केट, जेडीए की भूमिगत पार्किंग रामनिवास बाग में पार्क कर सकेंगे। मन्दिर सेवादारों के पासधारी वाहन ग्लोब ट्रासपोर्ट कम्पनी के सामने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क होंगे। इसी तरह काले हनुमान मंदिर और कंवर नगर से आने वाल दर्शनार्थी अपने वाहन झूलेलाल मन्दिर के पास खाली जमीन पर पार्क कर सकेंगे। ब्रह्मपुरी की तरफ से आने वाले दर्शनार्थी वाहन पोण्ड्रिक उद्यान के सामने पार्क कर सकेंगे। गणगौरी बाजार, चौगान चौराहे की तरफ से मन्दिर जाने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन चौगान स्टेडियम के अन्दर भूमिगत पार्किंग में पार्क करेंगे।
इन स्थानों पर रहेगी पार्किंग निषेध
सार्दुल सिंह की नाल, आतिश मार्केट से सिटी पैलेस, जलेबी चौक तक सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश एवं पार्किंग निषेध रहेगी।
अक्षय पात्र मंदिर जाने के लिए यह रहेगी व्यवस्था
जीवन रेखा अस्पताल तिराहा, महल रोड से अक्षय पात्र चौराहे की तरफ , द्वारकापुरी सर्किल से अक्षय पात्र चौराहे की तरफ एवं एनआरआई चौराहा से अक्षय पात्र की तरफ आने वाले सामान्य यातायात को डायवर्ट कर सामानान्तर मार्गों से निकाला जाएगा।
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