मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर करवाई 12 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री

मामला उजागर होते देख तहसीलदार ने झांपदा थाने में विक्रेता, क्रेता और गवाहों के खिलाफ मामला कराया दर्ज

मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर करवाई 12 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री

मृतक खातेदार के एक से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र भी हुए जारी

दौसा। लालसोट तहसीलदार अमितेश मीना जिनके पास निर्झरना तहसीलदार का अतिरिक्त कार्यभार भी है उनके द्वारा 27 अगस्त को निर्झरना तहसील के मृत खातेदार को जीवित बताकर 12 बीघा भूमि की रजिस्ट्री किए जाने का मामला सामने आया है। इस तरह भू माफियाओं द्वारा करोड़ों की भूमि को बेचे जाने का मामला उजागर हुआ है। वहीं मृतक व्यक्ति के एक से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र भी होना पाया गया।

तहसीलदार अमितेश मीणा ने बताया कि 27 अगस्त को निर्झरना की कृषि भूमि आराजी खसरा नंबर 522 क्षेत्रफल 3.0348 हेक्टेयर के खातेदार गोरधन पुत्र रामकुवांर निवासी निर्झरना हाल निवासी अनंतपुरा जयपुर ने तहसील कार्यालय में विक्रय पत्र तैयार कर पेश किया। जिस पर पंजीयन लिपिक द्वारा मूल दस्तावेज से आईडी तस्दीक की गई एवं लेनदेन से संबंधित बयान लिए गए। उक्त भूमि का बेचान विक्रेता गोरधन पुत्र रामकुवांर द्वारा क्रेता राजकुमार सिंह कुशवाहा पुत्र रामस्नेही कुशवाहा निवासी बंसीवाल मोरार ग्वालियर मध्य प्रदेश को बेचा गया। गवाह में बृजमोहन महावर निवासी बिलौना कला एवं राम खिलाड़ी मीणा निवासी बगड़ी उपस्थित हुए। तहसीलदार अमितेश मीणा ने बताया कि उक्त विक्रय पत्र का पंजीयन होने के बाद मामला सामने आया कि गोरधन पुत्र रामकुवांर की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है और गोरधन के स्थान पर अन्य व्यक्ति द्वारा गोरधन पुत्र रामकुवांर के पहचान दस्तावेज लगाकर विक्रय निष्पादित करवा लिया गया। उक्त मामले को लेकर तहसीलदार अमितेश मीणा द्वारा झांपदा थाने में विक्रेता, क्रेता एवं दो गवाहों सहित चार जनों के खिलाफ धोखाधड़ी का नामजद मामला दर्ज करवाया गया। 

मृतक खातेदार के एक से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र भी हुए जारी
जानकारी के अनुसार रजिस्ट्री के बाद गोरधन के नाम से एक से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र सामने आए जिनमें एक मृत्यु प्रमाण पत्र जयपुर नगर निगम द्वारा दिनांक 5 मार्च 1992 को मृत्यु होना बताया गया है। वहीं दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र महाराष्ट्र के नागपुर जिले के माथनी का बना हुआ है जिसमें 17 मई 1995 को मृत्यु होना बताया गया है वहीं तीसरा मृत्यु प्रमाण पत्र महाराष्ट्र के नागपुर जिले की मौदा तहसील की ग्राम पंचायत माथनी का बना हुआ है जिसमें 3 जनवरी 2004 का मृत्यु होना बताया गया है। इस तरह एक व्यक्ति के तीन मृत्यु प्रमाण पत्र का अलग-अलग होना पाया गया। आखिर तीनों में से असली मृत्यु प्रमाण पत्र कौन सा है। 

लेकिन चर्चा का विषय की 28 मई 2024 को निर्झरना तहसील कार्यालय के पत्र क्रमांक भू.अ./2024/545 द्वारा तहसीलदार मौदा नागपुर महाराष्ट्र को पत्र भेजकर मृतक गोरधन पुत्र रामकुमार के वारिशान की जांच रिपोर्ट भिजवाने का पत्र भेजा गया था। जिसके जवाब में तहसीलदार मौदा जिला नागपुर द्वारा 22 जून 2024 को पत्र भेजकर अवगत कराया गया कि गोरधन पुत्र रामकुमार शर्मा का देहांत दिनांक 3 जनवरी 2004 माथनी तहसील मौदा जिला नागपुर में होना बताया है। फिर भी इसके बावजूद उक्त जानकारी को नजरअंदाज कर रजिस्ट्री किया जन चर्चा का विषय बना हुआ है। झांपदा पुलिस थाना प्रभारी मदनलाल ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जावेगी।

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