आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपय्या...

रिवर फ्रंट पर हर महीने दो करोड़ का खर्चा, कमाई हो रही एक करोड़

आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपय्या...

वर्तमान में रिवर फ्रंट पर कमाई से ज्यादा खर्चा हो रहा है।

कोटा। आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपय्या...यह कहावत इन  दिनों सही साबित हो रही है चम्बल रिवर फ्रंट पर। नगर विकास न्यास की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर चम्बल नदी के किनारे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चम्बल रिवर फ्रंट तो बना दिया। लेकिन अब यह केडीए के लिए सफेद हाथी साबित होता जा रहा है। केडीए की ओर से यहां  हर महीने करीब दो करोड़ रुपए का खर्चा किया जा रहा है जबकि कमाई मात्र एक करोड़ रुपए के करीब हो ही रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में नगर विकास न्यास के माध्यम से करीब 1442 करोड़ रुपए खर्च करके चम्बल नदी के किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण किया गया। कोटा बैराज से नयापुरा की रियासतकालीन पुलिया तक करीब पौने तीन किलोमीटर एक तरफ यानि दोनों तरफ करेीब साढ़े पांच कि.मी. का निर्माण किया गया। यहां नदी के दोनों किनारों पर करीब 26 घाट बनाए गए। जिन्हें देखने के लिए शहर ही नहीं दूरदराज से लोग तो आ रहे हैं लेकिन यह केडीए के लिए फायदे का सौदा नहीं बन सका है। 

एक साल हुआ उद्घाटन हुए
चम्बल रिवर फ्रंट का उद्घाटन पिछले साल 12 सितम्बर 2023 को किया गया था। उसके बाद से शुरुआत के दो महीने तक यहां कोटा वालों के लिए प्रवेश नि:शुल्क रखा गया। साथ ही बाहर से आने वालों से दो सौ रुपए प्रवेश टिकट लगाया गया। रिवर फ्रंट का उद्घाटन हुए एक साल का समय हो गया है। लेकिन अभी तक केडीए यहां न तो कमाई के संसाधनों को विकसित कर सका है और न ही इसे फायदे का सौदा बना सका है। 

मेन पावर सप्लाई पर दो करोड़ रुपए खर्चा
पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय ही इस रिवर फ्रंट के संचालन का ठेका किया गया। गुरुग्राम की निजी फर्म को यहां मेन पावर सप्लाई का ठेका दिया गया। जिसमें साफ सफाई से लेकर सुरक्षा गार्ड तक और टिकट काटने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के लिए कम्पनी ने यहां अपने कर्मचारी लगाए हुए हैंÞ। उसकी ऐवज में केडीए निजी फर्म को हर महीने दो करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है। 

कमाई का जरिया सीमित
रिवर फ्रंट पर कमाई का सबसे बड़ा जरिया यहां बनी करीब दो सौ दुकानें हैं। जिन्हें किराए पर देकर केडीए मोटी कमाई कर सकता है। लेकिन एक साल बाद भी अभी तक यहां गिनती की मात्र एक दर्जन दुकानें भी किराए पर नहीं दी जा सकी है। जिससे केडीए को कमाई बहुत कम हो रही है। वहीं दो सौ रुपए प्रवेश टिकट के अलावा यहां प्री वेडिंग शूटिंग, वाटर पार्क व अन्य शूडिंग के चार्ज भी घंटों के हिसाब से वसूल किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार रिवर फ्रंट पर हर दिन औसत करीब दो हजार से अधिक लोग घूमने के ुलिए आ रहे हैं। केडीए को यहां से हर महीने करीब एक से सवा करोड़ रुपए ही कमाई हो रही है जबकि खर्चा इससे दोगुना हो रहा है। 

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दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया करेेंगे
केडीए के सचिव कुशल कोठारी का कहना है कि रिवर फ्रंट पर दुकानें तो काफी संख्या में है जिनके आवंटन की पूर्व में प्रक्रिया की गई थी। लेकिन कई दुकानदारों ने एनजीटी के विवाद के चलते यहां दुकानें शुरू नहीं की थी। अब वहां से मामला स्पष्ट हो गया है। जिससे दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। वर्तमान में रिवर फ्रंट पर कमाई से ज्यादा खर्चा हो रहा है। ऐसे में यहां कमाई के संसाधन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला कलक्टर व केडीए आयुक्त डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने गुरुवार शाम को केडीए कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें शहर के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही केडीए की आय बढ़ाने समेत कई अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई।

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