विभागों में समन्वय का अभाव, बार बार फूट रही पानी की लाइनें

बार बार निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त होती पानी की लाइन

विभागों में समन्वय का अभाव, बार बार फूट रही पानी की लाइनें

एक बार लाइन फूटने पर बह जाता है लाखों लीटर पानी, मरम्मत करने में कई घंटे लग जाते हैं ।

कोटा। शहर के शक्ति नगर में शुक्रवार को ट्रैफिक पार्क के सामने सीवरेज लाइन के कार्य के दौरान पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके चलते लाखों लीटर पानी व्यर्थ हो गया, साथ ही लाइन के क्षतिग्रस्त हो जाने से कई इलाकों में जलापूर्ति बंद रही। वहीं कुछ माह पहले भी बालाकुंड क्षेत्र में भी सीवरेज लाइन का कार्य करते समय पानी की पाइल लाइन फूट गई थी। जिसके चलते कई दिनों तक इलाके में जलापूर्ति बाधित रही थी। इसी तरह हर साल शहर के कई इलाकों में पानी की लाइन फूटने की दर्जनों घटनाएं होती हैं। बावजूद इसके आज भी इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला जा सका है। 

हर साल होती हैं दर्जनों घटनाएं
छावनी निवासी रामेश्वर दाधीच कहते हैं शहर में अलग अलग निर्माण कार्यों के दौरान हर साल करीब दर्जनों पाइप लाइन फूटने की घटना सामने आती हैं। जिनमें सबसे ज्यादा घटनाएं खुदाई के दौरान की होती हैं। जिसके चलते कई बार पानी तो व्यर्थ बहता ही है इसके साथ में निर्माण कार्य में भी देरी होती है और जलापूर्ति भी बाधित होती है। इतनी घटनाओं के बाद भी न जलदाय विभाग और अन्य विभाग इस समस्या का समाधान ढूंढ पाए हैं। कई बार ये भी देखने को मिलता है कि विभागों के अधिकारी ही मौके पर मौजूद नहीं रहते हैं। इसी गैर मौजूदगी में संवेदक फर्म द्वारा बिना नाप तोल के काम करने से ऐसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ये घटनाएं हो चुकी पिछले कुछ सालों मेंल्ल    साल 2021 में घटोत्कच सर्कल के पास गैस की लाइन बिछाने के लिए खुदाई के दौरान 900 एमएम की पाइप लाइन फूट गई थी। जिसके चलते दादाबाड़ी चौकी के तहत आने वाली कई कॉलोनियों में जलापूर्ति बाधित रही थी। घटना की जांच में सामने आया था कि गैस लाइन डालने वाली कंपनी ने जलदाय विभाग से खुदाई के लिए परमशिन नहीं ली थी। 

- साल 2022 में कोटड़ी इलाके में भी निर्माण कार्य के दौरान 6 इंच पाइप लाइन फूट गई थी जिससे हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह गया था। इसके साथ ही नया नोहरा में भी गैस लाइन डालते समय 8 इंच की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। दोनों ही घटनाओं में निर्माणकर्ता और जलदाय विभाग के बीच समन्वय की कमी देखी गई थी। 
- साल 2023 में भी बालाकुंड क्षेत्र में भी सीवरेज लाइन डालने के दौरान 6 इंच की लाइन फूट गई थी जिसे ठीक करने में एक सप्ताह से भी अधिक का समय लग गया था। ऐसे में बालाकुंड क्षेत्र की करीब 50 हजार लोगों की आबादी को पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ा था।
- ताजा मामला शक्ति नगर स्थित ट्रैफिक पार्क के सामने का है जहां सीवरेज का कार्य करते समय 1000 एमएम की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। हालांकि कार्य के दौरान जलदाय विभाग के अधिकारी मौजूद थे लेकिन खुदाई के दौरान एक पत्थर टूटकर लाइन से लग गया जिस कारण लाइन क्षतिग्रस्त हो गई और दर्जन भर इलाकों में 12 घंटे तक जलापूर्ति बाधित रही।

खुदाई के दौरान निर्माण कर्ता को परमिशन लेनी होती है, उसके बाद खुदाई के दौरान जहां जहां पाइप लाइन होती उस स्थान की खुदाई के दौरान विभाग के अधिकारी होते हैं। जलदाय विभाग की ओर से पूरा कॉर्डिनेशन रखा जाता है। कई बार मशीन चालक की गलती के कारण भी लाइन फूट जाती है। जिसे तुरंत सही करा दिया जाता है।
- पीके बागला, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग, कोटा

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निर्माण कार्य के दौरान जलदाय विभाग के साथ पूरा कॉर्डिनेशन रखने के साथ खुदाई के लिए अवगत करा दिया जाता है। कई बार गलत मैपिंग और आंकलन के कारण गलत जगह खुदाई या मशीन चल जाती है जिसके कारण लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। कोशिश पानी की लाइन को बचाने की रहती है।
- कुशल कोठारी, सचिव, केडीए

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