अमेरिका ने भारत को सौंपे 297 पुरावशेष, ऐतिहासिक भौतिक संस्कृति का हिस्सा थी वस्तुएं
एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे
सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे पूरा करने के लिए एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
न्यूयॉर्क। अमेरिका ने घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए और अधिक सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने के लिए भारत से चुराकर अमेरिका पहुंची 297 प्राचीन दुर्लभ कलाकृतियां और पूरा अवशेषों को भारत को सौंपे है। अमेरिका ने यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बीच उठाया है। भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे पूरा करने के लिए एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
की जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मोदी की वर्तमान अमेरिका यात्रा के अवसर पर अमेरिकी पक्ष ने भारत से चोरी या तस्करी की गई 297 पुरावशेषों की वापसी की सुविधा प्रदान की। इन्हें शीघ्र ही भारत वापस लाया जाएगा। एक प्रतीकात्मक प्रस्तुति में विलमिंगटन, डेलावेयर में उनकी द्विपक्षीय बैठक के मौके पर मोदी को कुछ चुनिंदा टुकड़े दिखाए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वस्तुएं न केवल भारत की ऐतिहासिक भौतिक संस्कृति का हिस्सा थीं, बल्कि इसकी सभ्यता और चेतना के आंतरिक केंद्र का निर्माण करती थीं।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि ये पुरावशेष 2000 ईसा पूर्व से 1900 ईस्वी तक लगभग 4000 वर्षों की समयावधि के हैं और इनकी उत्पत्ति भारत के विभिन्न हिस्सों में हुई है। अधिकांश पुरावशेष पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियाँ हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से संबंधित हैं।
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