श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बने अनुरा कुमारा, भारतीय उच्चायुक्त ने की मुलाकात
भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि झा ने भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और जनादेश हासिल करने पर दिसानायके को बधाई दी।
कोलंबो। मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बन गए है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठा। भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से नेशनल पीपुल्स पावर के बत्तरामुल्ला स्थित कार्यालय में मुलाकात की।
भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि झा ने भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और जनादेश हासिल करने पर दिसानायके को बधाई दी। भारतीय उच्चायोग ने आगे कहा कि श्रीलंका के सभ्यतागत जुड़वाँ के रूप में भारत हमारे दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कौन है अनुरा
अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है। जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे।
एक साधारण परिवार से आने वाले अनुरा की इस पद तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है। दिसानायके का जन्म श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 100 किलोमीटर दूर थंबुट्टेगामा में एक दिहाड़ी मजदूर के घर हुआ था। दिसानायके अपने परिवार के गांव से विश्वविद्यालय जाने वाले पहले छात्र थे।
एक बातचीत में उन्होंने बताया था कि शुरुआत में पेराडेनिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं के कारण धमकियां मिलने लगीं और वह केलानिया यूनिवर्सिटी आ गए। दिसानायके ने 80 के दशक में छात्र राजनीति शुरू की। कॉलेज में रहते हुए 1987 और 1989 के बीच सरकार विरोधी आंदोलन के दौरान वह जेवीपी में शामिल हुए और तेजी से अपनी पहचान बनाई।
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