हरियाणा चुनाव : निर्दलीय खराब करेंगे कांग्रेस-बीजेपी का गेम, कांटे के मुकाबले तय करेंगे कौन होगा मुख्यमंत्री

पिछले चुनाव में जीते निर्दलीय विधायकों से भी जनता खुश है

हरियाणा चुनाव : निर्दलीय खराब करेंगे कांग्रेस-बीजेपी का गेम, कांटे के मुकाबले तय करेंगे कौन होगा मुख्यमंत्री

कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं मगर सत्ता की चाबी निर्दलियों के हाथ में ही रहेगी। निर्दलीय मैदान में उतरे बागी चुनाव के गणित को उलझा रहे हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा के चुनावी मैदान में चार मुख्य खिलाड़ी हैं। बीजेपी, कांग्रेस, आईएनएलडी और जेजेपी। चुनावी गलियारों में हरियाणा के दंगल को एकतरफा बताया जा रहा है। ग्राउंड में समीकरण कुछ हटकर नजर आ रहे हैं। बीजेपी सत्ता के रेस से बाहर नहीं है। कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं मगर सत्ता की चाबी निर्दलियों के हाथ में ही रहेगी। निर्दलीय मैदान में उतरे बागी चुनाव के गणित को उलझा रहे हैं। पिछले चुनाव में जीते निर्दलीय विधायकों से भी जनता खुश है।

बलराज कुंडू का लिया नाम
इस बानगी रोहतक जिले की महम विधानसभा में नजर आती है। रोहतक भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है। यही कारण है कि 2019 के चुनाव में चार विधानसभा सीटों में से तीन में कांग्रेस जीती थी। एक सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुंडू चुनाव जीते थे। महम विधानसभा में इस बार भी सूरत नहीं बदल रही। महम सीट के लोगों का कहना है कि कुंडू हमारे बीच में रहते हैं। 

बेटियों के लिए चलाई है बस
महम के लोगों ने बताया कि विधायक कुंडू ने म्हारी छोरियों के लिए फ्री में बस चाल राखी हैं। हमारी छोरियां आराम से स्कूल जा रहीं हैं। हम भी टेंशन फ्री रहते हैं कि चल भाई गांव की ही बस में म्हारी छोरी हैं। आज कुंडू के कारण कई गांवों की छोरियां स्कूल जा रही हैं। बाकी किसी भी बिटिया की शादी होती है तो कुंडू कन्यादान में मदद करते हैं। वो पिता के साथ बैठकर खाना खाते हैं और बोलते हैं कि अगर कोई जरूरत हो तो बता दो। पचार हजार रुपये भी देकर जाते हैं, इसलिए न तो हम बीजेपी को और न ही हम कांग्रेस को वोट देंगे।

क्या जिंदल जीतेंगी चुनाव
ऐसा हाल सिर्फ महम का नहीं है बल्कि कई और ऐसी सीटें हैं, जहां पर निर्दलीय उम्मीदवार खेल बिगाड़ रहे हैं। ऐसी दूसरी सीट है हिसार, जहां से सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद हैं। सावित्री जिंदल ने भी बीजेपी से टिकट मांगा था मगर नहीं मिला इसलिए उन्होंने निर्दलीय ही ताल ठोंक दी। जब ग्राउंड रिपोर्ट की टीम ने हिसार में गरीब तबके से बात की तो उन्होंने सावित्री जिंदल का नाम लिया। लोगों का कहना है कि सावित्री जिंदल बहुत अच्छी हैं और दयालु भी हैं। हमारी बात वह सुनती हैं। 

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अंबाला कैंट में त्रिकोणीय मुकाबला
ऐसा ही कुछ दृश्य अंबाला कैंट का देखने को मिला। वैसे तो ये अनिज विज का गढ़ माना जाता है। अंबाला कैंट से अनिल विज लगातार छह बार चुनाव जीत चुके हैं। मगर इस बार कहानी अटक रही है। विज को इस बार संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां से कांग्रेस ने परिविंदर सिंह परी को टिकट दिया है। सीधे मुकाबले में निर्दलीय चित्रा सरवारा से हैं।

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चित्रा कांग्रेस में थीं मगर टिकट न मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय ताल ठोंक दी। चित्रा बेहद मजबूत दिख रही हैं। वह ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं भी कर रही हैं। इस तरह हरियाणा की कई सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने लडा़ई को त्रिकोणीय बना दिया है।

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