कब तक सफेद हाथी बना रहेगा कोटा का हाउसिंग बोर्ड
कोटा शहर में बोर्ड के पास न जमीन है न अधिक काम
हाउसिंग बोर्ड ने कोटा शहर में करीब 23 साल पहले वर्ष 2001 में अंतिम कॉलोनी स्वामी विवेकानंद नगर में बनाई थी।
कोटा। कोटा में हाउसिंग बोर्ड का उप आवासन आयुक्त कार्यालय आखिर कब तक सफेद हाथी बना रहेगा। यहां बोर्ड के पास न तो मकान बनाने के लिए जमीन है और न ही अधिक काम। मात्र दो कॉलोनियों की देखरेख व नाम ट्रांसफर का ही काम हो रहा है। जबकि कर्मचारियों के वेतन पर सरकार को लाखों रुपए महीना खर्चा करना पड़ रहा है और कमाई के नाम पर जीरो है। कोटा शहर में पहले मकान बनाने का अधिकतर काम हाउसिग बोर्ड(आवासन मंडल) करता था। लेकिन अब हालत यह है कि बोर्ड ने करीब 23 साल से शहर में न तो कोई नया मकान बनाया है और न ही कोई कॉलोनी विकसित की है। हाउसिग बोर्ड के पास कोटा शहर में निर्माण कार्य के लिए जमीन तक नहीं है। उनका यह काम अब कोटा विकास प्राधिकरण कर रहा है। जिससे न तो बोर्ड को कोई कमाई हो रही है और न ही आय। जबकि बोर्ड के कार्यालय में लगे कर्मचारियों के वेतन पर सरकार को लाखों रुपए महीना खर्चा करना पड़ रहा है।
23 साल पहले बनाई भी अंतिम कॉलोनी
हाउसिंग बोर्ड ने कोटा शहर में करीब 23 साल पहले वर्ष 2001 में अंतिम कॉलोनी स्वामी विवेकानंद नगर में बनाई थी। उसके बाद से अभी तक बोर्ड ने शहर में न तो कोई नया मकान बनाया है और न ही कॉलोनी। हालांकि करीब एक साल पहले कुन्हाड़ी में एक चौपाटी का निर्माण कराया है। लेकिन वह भी उतनी नहीं चल पा रही है जितनी उम्मीद की जा रही थी। यहां भी लोगों से दस रुपए प्रवेश टिकट लेने के बाद भी पर्याप्त सुविधा तक नहीं मिल पा रही है।
17 कॉलोनियां, दो ही अधिकार क्षेत्र में
शहर में हाउसिंग बोर्ड की कुल 17 कॉलोनियां हैं। लेकिन उनमें से मात्र दो ही कॉलोनियां बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में है। जिनमें से कुन्हाड़ी व स्वामी विवेकानंद नगर कॉलोनी। जिनकी मरम्मत व देखरेख की जिम्मेदारी बोर्ड के पास है। शेष अन्य कॉलोनयां नगर निगम को हस्तांतरित हो चुकी है। बोर्ड की कॉलोनियों में दादाबाड़ी, दादाबाड़ी विस्तार, अम्बेडकर नगर कुन्हाड़ी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कुन्हाड़ी, महावीर नगर विस्तार, महावीर नगर परिजात कॉलोनी, टीचर्स कॉलोनी,रंगबाड़ी, सकतपुरा, वल्लभबाड़ी व स्वामी विवेकानंद नगर की कॉलोनियां शामिल हैं। इन कॉलोनियों की मरम्मत व देखरेख तक नगर निगम करवाता है। कोटा शहर में तो बोर्ड के पास सिर्फ दो कॉलोनियों की देखरेख व नाम ट्रांसफर का ही काम है। बाकी काम बारां व झालावाड़ जिलों का है।
संभाग स्तर का कार्यालय,स्थायी अधिकारी तक नहीं
टीचर कॉलोनी कैशव पुरा निवासी सुदर्शन शर्मा कहते है कि कोटा में हाउसिंग बोर्ड का संभाग स्तरीय कार्यालय है। सीएडी रोड पर उप आवासन आयुक्त का कार्यालय है। जहां से कोटा शहर ही नहीं संभा के अन्य जिलों तक के कामों की मॉनिटरिंग तो की जाती है। लेकिन हालत यह है कि विभाग में स्थायी अधिकारी तक नहीं है। उप आवासन आयुक्त का पद पिछले काफी समय से कार्यवाहकों के भरोसे ही चल रहा है। पूर्व में इस पद पर कई अधिकारी कार्यवाहक के तौर पर रह चुके है। वहीं वर्तमान में भी सहायक अभियंता अमजद अहमद को इस पद पर कार्यवाहक आयुक्त लगाया हुआ है। इतना ही नहीं यहां एक्सईएन से लेकर कई अन्य पदों तक पर अधिकारी व कर्मचारी लम्बे समय से नहीं लगाए गए हैं।
हाउसिग बोर्ड के पास कोटा शहर में फिलहाल कोई जमीन नहीं है। जमीन के अभाव में न तो नए मकान बना पा रहे हैं और न ही कॉलोनी विकसित की जा रही है। जबकि बारां व झालावाड़ जिलों में बोर्ड के मकानों की नीलामी, बिक्री व मरम्मत का काम किया जा रहा है। उन जिलों के कामों के मॉनिटरिंग कोटा कार्यालय से ही होती है। कोटा शहर में बोर्ड के पास मात्र दो कॉलोनी है। शेष निगम व न्यास को ट्रांसफर हो चुकी है। शहर में दो कॉलोनियों की देखरेख व मरम्मत व अन्य के नाम ट्रांसफर का ही काम किया जा रहा है। बोर्ड के पास कोटा शहर में करने के लिए कोई नया काम नहीं है।
- अमजद अहमद, कार्यवाहक उप आवासन आयुक्त हाउसिंग बोर्ड कोटा
Comment List