मोदी कैबिनेट : कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान

मराठी सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा

मोदी कैबिनेट : कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान

ये योजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से लागू होंगी।

नई दिल्ली। सरकार ने सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा के लिए कृषि विकास योजना को स्वीकृति दी है और एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का प्रावधान किया है। रेलवे के 58,642 खाली पड़े पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय  के इस आशय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सभी केंद्रीय योजनाओं (सीएसएस) को दो प्रमुख योजनाओं में तर्कसंगत बनाया जाएगा।

ये योजनाएं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषि विकास योजना (केवाई) हैं। पीएम-आरकेवीवाई टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगी, जबकि केवाई खाद्य सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता को हासिल करेगी। सभी योजनाओं के कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जाएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि विकास योजना  को 1,01,321.61 करोड़ रुपए के कुल व्यय के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपए और राज्य सरकारों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपए है। ये योजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से लागू होंगी।

इन योजनाओं को मंजूरी

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  • मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया जाएगा। 
  • चेन्नई मेट्रो के फेज-2 के लिए 63,246 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। 
  • राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिहलन के तहत तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 10,103 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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