Nobel Prize 2024: विक्टर और गैरी को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल, माइक्रो आरएनए पर की महत्पूर्ण खोज

माइक्रो आरएनए की खोज के लिए मिला सम्मान

Nobel Prize 2024: विक्टर और गैरी को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल, माइक्रो आरएनए पर की महत्पूर्ण खोज

कैंसर-डायबिटीज जैसी बीमारियों की पहचान में मददगार

स्टॉकहोम। नोबेल प्राइज 2024 के लिए विजेताओं की घोषणा शुरू हो गई। सोमवार को मेडिसिन या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला है। उन्हें ये प्राइज माइक्रो (आरएनए) राइबोन्यूक्लिक एसिड की खोज के लिए दिया गया है। माइक्रो आरएनए से पता चलता है कि शरीर में कोशिकाएं कैसे बनती और काम करती हैं। दोनों जीन वैज्ञानिकों ने 1993 में माइक्रो आरएनए की खोज की थी। माइक्रो आरएनए में असाधारण बदलाव होने की वजह से कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है ये खोज
विक्टर एम्ब्रोस ने सी. एलिगेंस में विकासात्मक समय के जेनेटिक कंट्रोल को लेकर शोध किया है। यह खोज जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके को समझने के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है। भले ही हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में एक जैसे जीन होते हैं, लेकिन मांसपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं जैसी विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं अलग-अलग कार्य करती हैं।

यह जीन विनियमन के कारण संभव है, जो कोशिकाओं को केवल उन जीनों को चालू करने की अनुमति देता है जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। माइक्रो आरएनए को लेकर एम्ब्रोस और रुवकुन की खोज ने इस विनियमन के होने का एक नया तरीका बताया है। एम्ब्रोस वर्तमान में मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल में प्राकृतिक विज्ञान के प्रोफेसर हैं। रुवकुन का शोध मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में किया गया था, जहां वह आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं।

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