दो साल में शहर की चार सफारियों में आए 3,30,142 पर्यटक
7,79,692 पर्यटकों ने बायोलॉजिकल पार्क में देखे शेर, बघेरे, बाघ और भालू
पिछले दिनों इसका लोकार्पण किया गया था। शहर में झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों को लेपर्ड सफारी का रोमांच मिलता है तो वहीं लॉयन सफारी में प्योर एशियाटिक शेरों की दाहड़ सुनाई देती है।
जयपुर। गुलाबी नगरी को किले, महल और स्मारकों के साथ ही अब वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में भी जाना जा रहा है। जयपुर देश का पहला शहर कहा जा सकता है, जहां लेपर्ड, लॉयन, हाथी के बाद अब जल्द टाइगर सफारी भी कराई जाएगी। पिछले दिनों इसका लोकार्पण किया गया था।
शहर में झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों को लेपर्ड सफारी का रोमांच मिलता है तो वहीं लॉयन सफारी में प्योर एशियाटिक शेरों की दाहड़ सुनाई देती है। आमेर महल और हाथी गांव में पर्यटकों को गजराज की सवारी करने का मौका मिलता है। अब देखने वाली बात ये होगी कि नाहरगढ़ टाइगर सफारी के प्रति पर्यटकों का रूख कैसा रहता है।
गजराज की सवारी के प्रति अधिक आकर्षण
वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जयपुर आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक हाथी सवारी के प्रति रूचि देखने को मिली। हाथी गांव में दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 1 लाख 91 हजार 948 देशी और विदेशी पर्यटकों ने हाथी सवारी का लुत्फ उठाया।
दूसरे पायदान पर झालाना लेपर्ड सफारी
जयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित झालाना लेपर्ड रिजर्व में पर्यटकों को बघेरे, जरख, नीलगाय सहित अन्य वन्यजीव निहारने का मौका मिलता है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक बघेरों को देखने आते हैं। यहां दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 84 हजार 020 पर्यटकों ने सफारी का लुत्फ उठाया।
तीसरे पायदान पर लॉयन सफारी
प्रदेश में जयपुर ऐसा पहला शहर है, जहां पर्यटकों को लॉयन सफारी के दौरान प्योर एशियाटिक लॉयन देखने को मिलते हैं। यहां दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 33 हजार 284 पर्यटकों ने शेरनी तारा और सृष्टि को देखा।
चौथे नम्बर पर आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व
जयपुर में पर्यटकों को दो जगह लेपर्ड सफारी करने का मौका मिलता है। झालाना के बाद आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में भी पर्यटकों को बघेरों के दीदार होते हैं। दो साल (2022-23 और 2023-24) के दौरान 20 हजार 890 पर्यटकों ने आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व विजिट की।
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